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Uttarakhand College Admission 2024: आवेदन करने वाले छात्रों को नहीं पता, किस विश्वविद्यालय में मिलेगा प्रवेश

Uttarakhand College Admission 2024 यदि कोई छात्र प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों से स्नातक करने का इच्छुक है तो उसे समर्थ पोर्टल पर 31 मई तक आवेदन करना होगा। यहां तक की स्थिति तो समझी जा सकती है लेकिन इसके बाद की स्थिति बेहद मुश्किल है। प्रदेश के विभिन्न कालेजों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले हजारों छात्रों को पता ही नहीं कि किस विश्वविद्यालय में उन्हें प्रवेश मिलेगा।

By Ashok Kumar Edited By: Nirmala Bohra Published: Wed, 08 May 2024 08:19 AM (IST)Updated: Wed, 08 May 2024 08:19 AM (IST)
Uttarakhand College Admission 2024: राज्य के सरकारी और अशासकीय कालेजों के बीच संबद्धता विवाद नहीं सुलझा

अशोक केडियाल, जागरण देहरादून : Uttarakhand College Admission 2024: उत्तराखंड बोर्ड और सीआइएससीई का परीक्षा परिणाम घोषित हो चुका है। अब 12वीं पास छात्र-छात्राओं ने उच्च शिक्षा के लिए दौड़ लगानी शुरू कर दी है। प्रदेश के विभिन्न कालेजों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले हजारों छात्रों को पता ही नहीं कि किस विश्वविद्यालय में उन्हें प्रवेश मिलेगा।

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हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि परिसर और संबद्ध कालेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में प्रवेश कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) पास करने के बाद मिलेगा। यदि कोई छात्र प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों से स्नातक करने का इच्छुक है तो उसे राज्य सरकार के समर्थ पोर्टल पर 31 मई तक आवेदन करना होगा। यहां तक की स्थिति तो समझी जा सकती है, लेकिन इसके बाद की स्थिति बेहद मुश्किल बना दी गई है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कराएगी सीयूईटी परीक्षा

गढ़वाल विवि से संबद्ध दून के चार कालेज डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और श्री गुरु राम राय पीजी कालेज समेत नौ सहायता प्राप्त अशासकीय कालेजों के उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीडी सूंठा ने आदेश जारी कर उन्हें 31 मई तक श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि से संबद्धता के आदेश जारी किए हैं। जबकि इन नौ कालेजों की संबद्धता का मामला हाई कोर्ट में लंबित है और 12 जून को इस मामले में सुनवाई होनी है।

इस बीच 15 से 31 मई के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) सीयूईटी परीक्षा कराएगी। यदि छात्र गढ़वाल विवि से संबद्ध कालेजों में प्रवेश लेना चाहते हैं और इन कालेजों को सरकार द्वारा मिलने वाले अनुदान बंद कर दिया जाता है तो इनका संचालन मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में सीयूईटी देने वाले छात्रों को किन कालेजों में प्रवेश मिलेगा, यह दुविधा बनी हुई है।

यदि अशासकीय कालेज 12 जून को हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करते हैं तो 31 मई तक राज्य सरकार के श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि से संबद्ध कालेजों में आवेदन की तिथि निकल जाएगी। इसका जवाब न उच्च शिक्षा निदेशालय दे रहा और न एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि। ऐसे में छात्रों की दुविधा बढ़ना लाजमी है।

नौ अशासकीय कालेजों में 23 हजार विद्यार्थी लेते हर वर्ष प्रवेश

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध नौ सहायता प्राप्त अशासकीय कालेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में करीब 23 हजार छात्र-छात्राएं हर वर्ष प्रवेश लेते हैं। यहां पढ़ने वाले छात्रों को एचएनबी केंद्रीय विवि की डिग्री मिलती है। ज्यादातर छात्र केंद्रीय विवि की डिग्री लेना चाहते हैं, लेकिन सरकार की मंशा है कि यह कालेज श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध हों। श्रीदेव सुमन विवि से पहले ही 214 संस्थान संबद्ध हैं। विवि के पास स्टाफ और साधन-सुविधाओं का अभाव है।

दून में केवल दो राजकीय महाविद्यालय, छात्र 10 हजार

विद्यार्थी और उच्च शिक्षा संस्थान का संतुलन पर भी उच्च शिक्षा निदेशालय गौर नहीं कर रहा। राजधानी दून में कम से कम 10 हजार छात्र-छात्राएं स्नातक में प्रवेश लेने वाले होते हैं और यहां केवल दो राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर और राजकीय महाविद्यालय देहरादून शहर सुद्धोवाला में हैं, जिनमें स्नातक प्रथम वर्ष में एक हजार सीटों की क्षमता है।

गरीब व मध्यर्गीय परिवार के बच्चे बेहद कम फीस में अशासकीय कालेजों से स्नातक करते हैं। लेकिन यदि अशासकीय कालेज का विकल्प छीन लिया गया तो सभी परिवार निजी महंगे उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाने की सामर्थ्य नहीं रखते। इस दिशा में भी सरकार को सोचना चाहिए।

सरकार को अशासकीय कालेजों को श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध करने से पहले वहां बुनियादी सुविधाओं व पूरे सिस्टम को अपग्रेड करना होगा। केंद्रीय विवि की डिग्री लेने के इच्छुक छात्र को हम जबरन राज्य सरकार की डिग्री लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। उच्च शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाकर पेशेवर बनाई जा रही है और उत्तराखंड में संबद्धता का वर्षों पुराना विवाद आज भी जारी है, जो छात्र हित में नहीं है।

-डा. सुनील अग्रवाल, अध्यक्ष एसोसिएशन आफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस


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