एसआइटी ने दो शिक्षकों पर मुकदमे की संस्तुति की

एसआइटी ने शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों के खिलाफ मुकदमे की संस्तुति की है।

By Edited By: Publish:Thu, 05 Jul 2018 03:01 AM (IST) Updated:Fri, 06 Jul 2018 05:18 PM (IST)
एसआइटी ने दो शिक्षकों पर मुकदमे की संस्तुति की
एसआइटी ने दो शिक्षकों पर मुकदमे की संस्तुति की

देहरादून, [जेएनएन]: एसआइटी ने शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों के खिलाफ मुकदमे की संस्तुति की है। इनमें से एक आरोपी 22 साल से, जबकि दूसरा 13 साल से नौकरी कर रहा है। इस मामले में विभागीय जांच कराने की भी संस्तुति की गई है।

एसआइटी शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्रीधारियों की नियुक्ति की जांच कर रही है। इस मामले में एसआइटी 150 से ज्यादा शिकायती पत्रों की जांच कर रही है। इनमें से प्राथमिक विद्यालय सल्ट में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात खवानी सिंह निवासी औरंगाबाद, बिजनौर के हाईस्कूल और इंटर के दस्तावेज फर्जी होने की जांच की गई। जांच में खवानी सिंह के हाईस्कूल के अंकपत्र का जो क्रमांक दिया गया, वह किसी सतीश चंद्र के नाम दर्ज हैं।इसके अलावा इंटरमीडिएट परीक्षा का रिकार्ड भी एसए इंटर कॉलेज फीना, बिजनौर और माध्यमिक शिक्षा परिषद में दर्ज नहीं है। एसआइटी प्रभारी श्वेता चौबे ने बताया कि आरोपी खवानी सिंह 24 मई 1996 से अल्मोड़ा जिले के सल्ट में तैनात हैं। वर्तमान में वह प्रधानाध्यापक का पद संभाल रहे हैं। 22 सालों से फर्जी दस्तावेजों से नौकरी कर रहे शिक्षक के खिलाफ एसआइटी ने मुकदमे की संस्तुति की है।

इसी तरह राजकीय प्राथमिक विद्यालय किमाणा दानकोट, रुद्रप्रयाग में तैनात शिक्षक विक्रम सिंह पुत्र लाल सिंह ने भी 2005 में नौकरी हासिल की थी। विक्रम सिंह की बीएड डिग्री की जांच कराई तो चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने उनकी डिग्री जारी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में भी आरोपित शिक्षक विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमे की संस्तुति कर दी है। सात और शिक्षक रडार पर फर्जी डिग्रीधारी सात और शिक्षक एसआइटी के रडार पर हैं।

इनमें से तीन शिक्षक हरिद्वार जनपद और चार शिक्षक ऊधमसिंहनगर में तैनात हैं। इन शिक्षकों के दस्तावेज को लेकर संबंधित विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी गई है। इसके बाद ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब तक 42 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई एसआइटी प्रभारी एएसपी श्वेता चौबे ने बताया कि फर्जी डिग्री और अन्य दस्तावेज से नौकरी हासिल करने वाले 42 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। इनमें से 30 से ज्यादा शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज हो गया है। जबकि अन्य के खिलाफ विभागीय जांच की कार्रवाई चल रही है।

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