छात्रसंघ चुनाव: एसजीआरआर में हुआ 'सक्षम का उदय', अभाविप ने खाई मुंह की

एसजीआरआर पीजी कॉलेज में सक्षम ग्रुप के शुभम बंसल ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। ये चुनाव सिर्फ सक्षम और एनएसयूआइ के इर्द-गिर्द रहा।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 09 Sep 2019 07:19 PM (IST) Updated:Mon, 09 Sep 2019 07:19 PM (IST)
छात्रसंघ चुनाव: एसजीआरआर में हुआ 'सक्षम का उदय', अभाविप ने खाई मुंह की
छात्रसंघ चुनाव: एसजीआरआर में हुआ 'सक्षम का उदय', अभाविप ने खाई मुंह की

देहरादून, जेएनएन। एसजीआरआर पीजी कॉलेज में इसबार भी अभाविप को भी मुंह की खानी पड़ी है। यहां छात्र राजनीति में सक्षम नाम से एक नए दल का उदय हुआ है, जिसे किसी और ने नहीं बल्कि अभाविप से अलग हुए छात्रों ने ही खड़ा किया। इन्हीं की एका ने पिछले साल भी अभाविप को जमीन दिखाई थी। इस बार एनएसयूआइ के साथ हुए पदों के बंटवारे ने इनकी ताकत और बढ़ा दी। जिससे पूरा राजनीतिक समीकरण सक्षम और एनएसयूआइ के इर्द-गिर्द आकर सिमट गया। आर्यन का भी सफाया हो गया है। 

एसजीआरआर पीजी कॉलेज में सोमवार को हुए मतदान में 1627 मतदाताओं में से 1088 (66.87 फीसद) ने मतदान किया। मतदान शांतिपूर्ण रहा। अपराह्न मतगणना शुरू हुई और शाम को परिणाम जारी किए गए। मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. प्रदीप सिंह ने बताया कि कॉलेज में छह पदों के लिए 14 प्रत्याशी मैदान में थे। परिणाम घोषित किए जाने के बाद विजेता छात्र संघ पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण कराई गई। मतदान के लिए कॉलेज को चार जोन में बांटा गया था। इनमें दो जोन छात्राओं के लिए थे। 

अध्यक्ष पद पर सक्षम ग्रुप के शुभम बंसल जीते। उपाध्यक्ष पद पर सक्षम के ही ओशिन कुनवाल और महासचिव पद पर विश्वनाथ रमन बुडाकोटी जीते। सह सचिव पद पर एनएसयूआइ के मोहम्मद अजहर सैफी और कोषाध्यक्ष पर सक्षम ग्रुप की मेघा भट्ट जीतीं। 

एकसाथ मनी होली-दीपावली 

परिणाम घोषित होने से पहले ही अध्यक्ष पद पर आगे चल रहे शुभम बंसल के समर्थकों ने कॉलेज के बाहर जश्न शुरू कर दिया था। इस दौरान छात्र ढोल की थाप पर जमकर थिरके। जीत की घोषणा होते ही परिसर नारों और ढोल की थाप से गूंज उठा। विजयी छात्रों व उनके समर्थकों ने कॉलेज के भीतर ही जीत का जश्न मनाया। वहीं, हारने वाले प्रत्याशी और समर्थकों के चेहरे लटके रहे। 

मतदान प्रतिशत में गिरावट 

पिछले साल की तुलना में मतदान प्रतिशत इस बार करीब तीन फीसदी कम रहा। गत वर्ष तकरीबन 70 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। यह बात अलग है कि वर्ष 2017 व 2018 की तुलना में मत प्रतिशत अभी भी बेहतर है। क्योंकि तब यह क्रमश: 45.25 व 58.57 प्रतिशत रहा था। 

नोटा पर लगाई मुहर 

छात्रसंघ चुनाव में उम्मीदवार को नकारने वाले मतदाता भी कम नहीं थे। नोटा का विकल्प भी उन्होंने खूब इस्तेमाल किया। सह सचिव पद पर सर्वाधिक 87 छात्र-छात्राओं ने नोटा का विकल्प चुना। जबकि सबसे कम नोटा का इस्तेमाल महासचिव पद पर हुआ। इस पद पर 4 छात्र-छात्राओं ने नोटा का विकल्प चुना। कोषाध्यक्ष पद पर 58, उपाध्यक्ष पद पर 39 विवि प्रतिनिधि के पद पर 35 और अध्यक्ष पद पर 10 ने नोटा का विकल्प चुना।  

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ये बने विजेता

पद-विजेता-प्राप्त मत-प्रतिद्वंदी-प्राप्त मत

अध्यक्ष-शुभम बंसल (सक्षम)-703-ऋषभ रावत (अभाविप)-368

उपाध्यक्ष-ओशिन कुनवाल (सक्षम)-706-आदित्य टम्टा(अभाविप)-334

महासचिव-विश्वनाथ रमन बुडाकोटी (सक्षम)-637सौरभ कुमार (आर्यन)-446

सह-सचिव-मोहम्मद अजहर सैफी (एनएएसयूआइ)-737-साकेत कुमार (आर्यन)-252

कोषाध्यक्ष-मेघा भïट्ट (सक्षम)742-एकता भïट्ट (अभाविप)-283

विवि प्रतिनिधि-सूरज सिंह नेगी (एनएसयूआइ)-730-आकिब रियाज (अभाविप)-260

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