अग्नि सुरक्षा में फेल हुए तो नपेंगे स्कूल संचालक Dehradun News

यदि स्कूल प्रबंधकों ने फायर सेफ्टी एक्ट का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके लिए फायर सेफ्टी ऑफिसर की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 07 Feb 2020 02:03 PM (IST) Updated:Fri, 07 Feb 2020 02:03 PM (IST)
अग्नि सुरक्षा में फेल हुए तो नपेंगे स्कूल संचालक Dehradun News
अग्नि सुरक्षा में फेल हुए तो नपेंगे स्कूल संचालक Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। आग से सुरक्षा के प्रति लापरवाही अब स्कूल प्रबंधकों को भारी पड़ सकती है। एक महीने के अंदर यदि स्कूल प्रबंधकों ने फायर सेफ्टी एक्ट का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। खास बात यह है कि इसके लिए फायर सेफ्टी ऑफिसर की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। एक्ट का पालन कराने में गंभीरता न दिखाने पर एफएसओ के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

इसके लिए डीआइजी की ओर से 500 ऐसे बड़े स्कूल प्रबंधकों को नोटिस भेजे जाएंगे, जहां 500 से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इस क्रम में गुरुवार को पुलिस ने 38 स्कूलों को नोटिस भेज दिए। इस नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि स्कूल बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक अग्नि सुरक्षा प्रबंध पूरे करना जरूरी है। अगर किसी स्कूल में अग्नि सुरक्षा प्रबंध पूरे नहीं पाए गए कार्रवाई की जाएगी।

फायर सेफ्टी अधिकारी की यह होगी जिम्मेदारी

स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को पुख्ता करने के उद्देश्य से इस बार फायर सेफ्टी अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय की गई है। स्कूलों में अग्नि सुरक्षा यंत्र लगाने के लिए एफएसओ कोऑर्डिनेटर का काम करेंगे। यदि एफएसओ ने इस काम में लापरवाही की तो उन पर भी कार्रवाई होगी।

सीओ करेंगे निरीक्षण

स्कूलों में अग्नि सुरक्षा प्रबंध के निरीक्षण की जिम्मेदारी संबंधित सीओ को सौंपी गई है। यदि स्कूलों में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं पाए गए तो एफएसओ संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। यदि एफएसओ संबंधित स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो स्कूल के साथ एफएसओ पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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हो सकती है दो साल की जेल

अगर कोई स्कूल प्रबंधन उत्तराखंड अग्नि सुरक्षा एक्ट-2016 की अनेदखी करता है तो उसके खिलाफ आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। एक्ट के अनुसार दो साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है।

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