कैदी बना रहे फर्नीचर, स्कूलों में सप्लाई

By Edited By: Publish:Tue, 23 Sep 2014 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 23 Sep 2014 01:00 AM (IST)
कैदी बना रहे फर्नीचर, स्कूलों में सप्लाई

राज्य ब्यूरो, देहरादून: एक जमाने में हथियार पकड़ने वाले हाथ अब औजार लिए एक कुशल कारीगर बनने की दिशा में अग्रसर हैं। इनके हाथों से बनने वाले उत्पाद देखकर यह लगता ही नहीं कि ये किसी जेल में तैयार हुए हैं। प्रदेश में कैदियों की सुधार की दिशा में ये कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इस कड़ी में अब कारागार विभाग स्कूलों में फर्नीचर सप्लाई करने की तैयारी कर रही है। इस फर्नीचर की दरें बाजार भाव से काफी कम पड़ रही हैं। अभी तक दो प्राइमरी स्कूलों में इनकी सप्लाई भी की जा चुकी है। माना जा रहा है कि यदि यह योजना परवान चढ़ी तो फिर प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को दरी पर बैठ कर पढ़ाई नहीं करनी होगी।

प्रदेश की जेलों में कैदियों की सुधार की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत कैदियों को विभिन्न कार्यो में दक्ष किया जा रहा है ताकि वे जेल से बाहर निकलने के बाद अपराध का रास्ता छोड़ कर अपनी मेहनत और हुनर के जरिए एक नई जिंदगी गुजर बसर कर सके। इसमें एक कार्य फर्नीचर बनाना भी है। इसके लिए देहरादून व हरिद्वार जेलों में वर्कशाप भी बनाई गई हैं। इन वर्कशाप में तकरीबन सौ से अधिक कैदी विभिन्न प्रकार के फर्नीचर बनाने का कार्य करते हैं। कुछ समय पूर्व कारागार मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने कैदियों के इस हुनर को बाजार प्रदान करने के लिए फर्नीचर को स्कूलों में सप्लाई करने की योजना बनाई। इसके तहत उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के दो प्राथमिक स्कूलों के लिए फर्नीचर भी बनवाए। इनकी लागत बाजार भाव से काफी कम थी। इसे देखते हुए अब अब अन्य स्कूलों के लिए भी यहां से फर्नीचर बनाए जाने की योजना बनाई जा रही है। मकसद यह कि स्कूलों को भी सस्ती दरों पर फर्नीचर मिल सके और जेल में अपना हुनर तराश रहे कैदियों के पास भी काम की कमी न रहे।

प्रमुख सचिव कारागार एमएच खान ने बताया कि विभाग द्वारा कैदियों की ट्रेनिंग पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें विभिन्न प्रकार के कार्य सिखाए जा रहे हैं। इसमें कारपेंटर का कार्य भी शामिल है। योजना स्कूलों के लिए फर्नीचर बनाना है, ताकि स्कूलों को सस्ती दरों पर फर्नीचर दिए जा सकें। अभी दो स्कूलों में इसकी सप्लाई भी हो चुकी है।

chat bot
आपका साथी