उत्तराखंड के विद्यालयों में शिक्षकों के 4000 पदों पर होगी भर्ती

प्रदेश के विद्यालयों में रिक्त पड़े एलटी और प्रवक्ता के लगभग 4000 पदों को वॉक इन इंटरव्यू के जरिये अस्थायी तौर पर भरे जाने की कवायद शुरू होने जा रही है।

By BhanuEdited By: Publish:Thu, 13 Jun 2019 12:20 PM (IST) Updated:Thu, 13 Jun 2019 09:03 PM (IST)
उत्तराखंड के विद्यालयों में शिक्षकों के 4000 पदों पर होगी भर्ती
उत्तराखंड के विद्यालयों में शिक्षकों के 4000 पदों पर होगी भर्ती

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के विद्यालयों में रिक्त पड़े एलटी और प्रवक्ता के लगभग 4000 पदों को वॉक इन इंटरव्यू के जरिये अस्थायी तौर पर भरे जाने की कवायद शुरू होने जा रही है। नियमित भर्ती के जरिये शिक्षक मिलने तक अगले शैक्षणिक सत्र से पहले अस्थायी तौर इन शिक्षकों की भर्ती प्रधानाचार्य व स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के जरिये की जाएगी। 

इसमें पात्रता पूरी करने वाले स्थानीय युवाओं को वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा सरकार नियमित भर्ती में अब टीइटी पास पुराने बीएड धारकों को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति देने के पक्ष में है। इसके लिए जल्द ही यह मसला कैबिनेट में लाया जाएगा। नवोदय विद्यालयों में तैनात सरकारी शिक्षकों को विभाग में वापस लाकर वहां भी वॉक इन इंटरव्यू के जरिये नई नियुक्ति की जाएंगी। 

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में विभिन्न विद्यालयों में रिक्त चल रहे पदों को भरने के संबंध में निर्णय लिया गया। दरअसल, पहले ये पद गेस्ट टीचर के रूप में भरे जाते थे,  लेकिन कोर्ट से इस पर रोक लगाने के बाद अब इन पदों को वॉक इन इंटरव्यू के जरिये अस्थायी तौर पर भरने का निर्णय लिया गया है। 

इन शिक्षकों को 15 हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सचिव को इस संबंध में जल्द प्रस्ताव बनाकर न्याय विभाग से इसका परीक्षण कराने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में किसी तरह की कानूनी अड़चन न आए। 

बैठक में जवाहर नवोदय विद्यालयों में शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर तैनात शिक्षकों को वापस लाने पर भी चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऐसे तकरीबन 150 शिक्षकों को वापस विभाग में लाकर सरकारी विद्यालयों में भेजा जाएगा। इससे नवोदय विद्यालयों में जो पद रिक्त होंगे, उन्हें भी वॉक इन इंटरव्यू के जरिये भरा जाएगा। 

बोर्ड नतीजों पर भी शिक्षा मंत्री ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जिन विद्यालयों में अध्यापक तीन वर्षों से अध्यापन का कार्य कर रहे हैं और उन स्कूलों में यदि रिजल्ट अच्छा नहीं आता तो यह निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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