तबादलों के पात्र शिक्षक 17 तक दे सकेंगे विकल्प, पढ़िए पूरी खबर
तबादलों को लेकर कार्मिक के नए आदेश के कियान्वयन को लेकर शिक्षा महकमे ने भी दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं के अपर निदेशकों समेत सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। तबादलों को लेकर कार्मिक के नए आदेश के कियान्वयन को लेकर शिक्षा महकमे ने भी दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं के अपर निदेशकों समेत सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। एजुकेशन पोर्टल पर डाटा अपलोड करने के लिए नई समयसारिणी जारी की गई है। 17 जून तक स्थानांतरण के लिए पात्र शिक्षकों, अधिकारियों समेत तमाम कार्मिकों से विकल्प पत्र प्राप्त किए जाएंगे। अलबत्ता जिन कार्मिकों से विकल्प पत्र लिए जा चुके हैं, उनसे दोबारा विकल्प पत्र लेना जरूरी नहीं होगा। कार्मिक ने बीती सात जून को आदेश जारी स्थानांतरण की सीमा पात्रता सूची का 10 फीसद रखने को कहा है।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने सोमवार को इस आदेश के क्रियान्वयन के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के माध्यमिक शिक्षा और प्रारंभिक शिक्षा के अपर शिक्षा निदेशकों के साथ ही प्रारंभिक शिक्षा के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए। आदेश में कहा गया कि तबादलों के लिए दोबारा पात्रता सूची पोर्टल आइडी के माध्यम से उन्हें उपलब्ध कराई जा रही है। आदेश के क्रम में स्थानांतरण के लिए नई समयसीमा निर्धारित की गई है। इसके मुताबिक सोमवार तक दुर्गम और सुगम के मुताबिक कार्मिकों की अलग-अलग सूची अधिकारियों को ऑनलाइन भेजी गई है।
12 जून को जिला और मंडल स्तर पर सक्षम अधिकारी तबादलों के लिए दस फीसद प्रावधान के मुताबिक पात्रता सूचियों का परीक्षण कर निदेशालय को ऑनलाइन उपलब्ध कराएंगे। 17 जून को शाम पांच बजे तक स्थानांतरण के लिए पात्र कार्मिकों से एजुकेशन पोर्टल पर विकल्प पत्र प्राप्त किए जाएंगे। 19 जून तक कार्मिकों से प्राप्त विकल्प पत्रों को विकासखंडों के माध्यम से जिलों को उपलब्ध कराया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा अपर निदेशक वीएस रावत ने बताया कि 21 जून तक जिले के माध्यम से विकल्प पत्रों को सक्षम अधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा। 25 जून तक सक्षम अधिकारी स्थानांतरण आदेश निर्गत कर विभागीय वेबसाइट पर भी सूची उपलब्ध कराएंगे।
डिग्री शिक्षकों की कॉलेजों में तैनाती पर लगा अड़ंगा
देहरादून राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित डिग्री शिक्षकों की सरकारी डिग्री कॉलेजों में नियुक्ति पर अड़ंगा लग गया है। वाणिज्य विषय के शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद शासन इस मामले में सावधानी बरत रहा है। फिलहाल नए चयनित शिक्षकों की नियुक्ति में अड़ंगा न लगे, इसे लेकर न्याय महकमे से मशविरा मांगा गया है। सरकारी डिग्री कॉलेजों में आयोग से चयनित शिक्षकों की नियुक्ति में पहले आचार संहिता को पेच फंसा हुआ था। आचार संहिता हटने के बाद भी नए शिक्षकों की कॉलेजों में तैनाती में पेच फंस गया है। अब तक सरकारी डिग्री कॉलेजों में आयोग से चयनित 50 से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति मिल चुकी है।
सरकारी डिग्री कॉलेजों को नियमित शिक्षक मुहैया कराने के लिए 877 पदों पर राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। अभी तक आयोग की ओर से वाणिज्य, वनस्पति विज्ञान, भूगर्भ विज्ञान, मनोविज्ञान, सैन्य विज्ञान और विधि विषयों के शिक्षकों का चयन कर शासन को सूची सौंपी जा चुकी है। पुलिस सत्यापन के बाद सरकार ने वनस्पति विज्ञान के 41, भूगर्भ विज्ञान के चार, सैन्य विज्ञान व विधि के दो-दो और मनोविज्ञान के एक शिक्षक को दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में तैनाती दी है। वहीं वाणिज्य वर्ग के शिक्षकों की तैनाती का मामला अब हाईकोर्ट में है।
इस वजह से अन्य विषयों में भी चयनित शिक्षकों की सरकारी डिग्री कॉलेजों में तैनाती को लेकर उलझन पैदा हो गई है। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि उक्त मामले में न्याय विभाग को पत्रावली भेजी गई है। न्याय विभाग के परामर्श के बाद सरकार आगे कदम उठाएगी।
बायोमेट्रिक उपस्थिति में हीलाहवाली तो कार्रवाई
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने सभी सरकारी डिग्री कॉलेजों और राज्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों में बायोमेट्रिक उपस्थिति सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। इस कार्य में हीलाहवाली होने पर संबंधित विभागीय अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। सचिवालय में सोमवार को डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में उत्तराखंड उच्च शिक्षा परिषद की आठवीं बैठक हुई। बैठक में रूसा फेज-दो में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों के लिए अनुमोदित योजनाओं और रूसा फेज-एक की योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने कॉलेजों को निर्देश दिए कि रूसा-फेज एक के कार्य 15 अगस्त तक हरहाल में पूरे होने चाहिए। कॉलेजों को जुलाई और अगस्त तक नैक से प्रत्यायन (एक्रेडिटेशन) के लिए जल्दी करनी होगी। उन्होंने कहा कि रूसा फेज-दो में विश्वविद्यालयों के संरचनात्मक अनुदान के लिए स्वीकृत धनराशि का समय पर सदुपयोग होना चाहिए। अवस्थापना सुविधाओं में विस्तार से छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि रूसा से आच्छादित सभी राज्य विश्वविद्यालयों को वर्तमान जरूरत के मुताबिक नए विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विशेष जोर देना होगा।
राज्य की स्थानीय कलाओं, परंपरागत शिल्पों, पारंपरिक उद्यमों और स्थानीय संसाधनों पर आधारित विषय या पाठ्यक्रम संचालित किए जाने चाहिए। राज्य की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं से जुड़े विषयों को रूभी इसमें शामिल करने का सुझाव उन्होंने दिया। बैठक में उच्च शिक्षा उन्नयन समिति की उपाध्यक्ष दीप्ति रावत, उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कॉलेजों के प्राचार्य मौजूद थे।
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