दाखिल-खारिज न होने पर भड़के वकील, डीएम दफ्तर में की तालाबंदी Dehradun News

बार एसोसिएशन से जुड़े वकीलों ने दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू कराने की मांग को लेकर कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान डीएम कार्यालय पर तालाबंदी की गई।

By Edited By: Publish:Tue, 18 Jun 2019 08:49 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2019 12:10 PM (IST)
दाखिल-खारिज न होने पर भड़के वकील, डीएम दफ्तर में की तालाबंदी Dehradun News
दाखिल-खारिज न होने पर भड़के वकील, डीएम दफ्तर में की तालाबंदी Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। बार एसोसिएशन से जुड़े वकीलों ने दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू कराने की मांग को लेकर कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन कर जिलाधिकारी कार्यालय में तालाबंदी की। बाद में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में महापौर सुनील उनियाल गामा धरना स्थल पर पहुंचे। जहां वकीलों ने महापौर के माध्यम से मुख्यमंत्री को इस संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया। 

उन्होंने चेतावनी दी कि इस मांग पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वह जनता के साथ मिलकर उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। राजधानी देहरादून समेत विकासनगर, डोईवाला, ऋषिकेश आदि तहसीलों में पिछले साढ़े चार माह से जमीनों के दाखिल-खारिज नहीं हो रहे हैं। 

एसआइटी की कार्रवाई के चलते पटवारियों ने यह काम छोड़ रखा है। इससे आम लोगों के जमीनों की खरीदारी, मकान बनाने, बैंक लोन जैसे कार्य अटके हुए हैं। लोग हर दिन कलक्ट्रेट से लेकर तहसीलों में चक्कर लगा रहे हैं। 

पटवारियों की हड़ताल के चलते उनकी जमीनों के दाखिल-खारिज नहीं हो पा रहे हैं। इस संबंध में बार एसोसिएशन ने गत शनिवार को एडीएम का घेराव कर व्यवस्था सुधारने की मांग की थी। इसे लेकर वकीलों ने अध्यक्ष राजस्व परिषद से भी मुलाकात की। 

समस्या का समाधान न होने पर वकील सड़क पर उतर आए। नारेबाजी के साथ वकीलों ने धरना-प्रदर्शन कर जिलाधिकारी कार्यालय में सांकेतिक तालाबंदी की। वकीलों ने कहा कि जनता की इस समस्या पर सरकार और प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक है। इधर, वकीलों की हड़ताल की खबर शासन तक पहुंची। 

इसके बाद मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में महापौर सुनील उनियाल गामा धरना स्थल पर पहुंचे। महापौर ने कहा कि वकीलों की मांग जायज है और मुख्यमंत्री को अवगत करा दी जाएगी। इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट, बार अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल, सचिव अनिल कुमार शर्मा, प्रेमचंद शर्मा, काली प्रसाद, अल्पना जदली, ललित भंडारी, अमित डंगवाल, अरुण खन्ना, सुमनलता सरीन, अमित शर्मा, प्रियंका रानी आदि मौजूद रहे। 

दून या हरिद्वार कहीं भी खुले बेंच 

वकीलों ने कहा कि हाईकोर्ट की बेंच नैनीताल से शिफ्ट होनी चाहिए। हाईकोर्ट में बेंच को शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि दून या हरिद्वार कहीं भी बेंच स्थापित हो, वकीलों को कोई आपत्ति नहीं है। मगर, मुकदमे में पीड़ितों से लेकर वकीलों को नैनीताल के चक्कर काटने में परेशानी होती है। सरकार को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई कर बेंच को जल्द शिफ्ट करना चाहिए।

दफ्तर में नहीं बैठते अधिकारी 

धरना-प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने कहा कि राजधानी के कलक्ट्रेट में डीएम, एडीएम और एसडीएम नहीं मिलते हैं। जब भी फरियादी आते हैं, अधिकारी मीटिंग में व्यस्त बताए जाते हैं। वकीलों की हड़ताल के दौरान भी यही नजारा देखने को मिला। महापौर के आने के बाद सिटी मजिस्ट्रेट जरूर पीछे से पहुंचे। मगर, डीएम और एडीएम एनआइसी में मीटिंग में बैठे रहे। 

रजिस्ट्री के दौरान हो दाखिल-खारिज 

वकीलों ने कहा कि दाखिल-खारिज रजिस्ट्री के दौरान ही किया जाए। इससे जनता को सुविधा मिलेगी। यदि जमीनों के फर्जीवाड़े का संदेह या आपत्ति की शंका है तो इस पर बाद में भी कार्रवाई हो सकती है। इधर, पटवारियों की हड़ताल से देहरादून की अलग-अलग तहसीलों में 25 हजार से ज्यादा रजिस्ट्री के दाखिल-खारिज नहीं हुए हैं। इससे हजारों लोग परेशान हैं।

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