आरक्षण पर दून में जुटेंगे कई प्रदेशों के कर्मचारी नेता

बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली के मुद्दे को लेकर शनिवार को उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश आंध्र प्रदेश समेत कई प्रदेशों के दिग्गज कर्मचारी नेता देहरादून में जुटेंगे।

By Edited By: Publish:Sat, 29 Feb 2020 03:00 AM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 03:00 AM (IST)
आरक्षण पर दून में जुटेंगे कई प्रदेशों के कर्मचारी नेता
आरक्षण पर दून में जुटेंगे कई प्रदेशों के कर्मचारी नेता

देहरादून जेएनएन। बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली के मुद्दे को लेकर शनिवार को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश समेत कई प्रदेशों के दिग्गज कर्मचारी नेता देहरादून में जुटेंगे। यहां वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलकर यह जानने की कोशिश करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी शासनादेश जारी करने में क्या अड़चन है। 

मुलाकात के बाद कर्मचारी नेता उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश के तमाम कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक भी करेंगे। जिसमें दो मार्च से प्रस्तावित प्रदेशव्यापी हड़ताल और देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन को अंतिम रूप दिया जाएगा। बिना आरक्षण पदोन्नति के मुद्दे को लेकर उत्तराखंड के साथ अन्य प्रदेशों में भी कर्मचारी संगठन सड़कों पर हैं। 

बीती 22 फरवरी को दिल्ली में अखिल भारतीय समानता मंच, उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन, सर्वजन हिताय रक्षण समिति उत्तर प्रदेश, सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) मध्य प्रदेश, जनरल कैटेगरी इंप्लाइज फेडरेशन पंजाब, अहिम्सा कर्नाटक, आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिकसिटी ओसी इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन, तेलंगाना इलेक्ट्रिकसिटी ओसी इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन समेत कई अन्य राज्यों के कर्मचारी संगठनों की बैठक हुई थी।  जिसमें इस आंदोलन को देशव्यापी बनाने का फैसला लिया गया था। वहीं, अब इन संगठनों के पदाधिकारी शनिवार को देहरादून पहुंच रहे हैं। 

उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि कर्मचारी नेताओं का प्रतिनिधि मंडल शनिवार दोपहर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलेगा। यहां उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के कर्मचारी नेता यह बताएंगे कि उनके यहां सरकार ने किस तरह से पदोन्नति में न सिर्फ आरक्षण खत्म किया है, बल्कि आरक्षण से पदोन्नति पाए कर्मचारियों को मूल पदों पर वापस भी भेजा है।

 उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने में राजनैतिक नफा-नुकसान देख रही है। उसे लग रहा है कि यदि पदोन्नति में आरक्षण खत्म कर दिया गया तो एससी-एसटी वर्ग नाराज हो जाएगा। लेकिन सरकार को यह समझाने की कोशिश होगी कि पदोन्नति में आरक्षण को खत्म करने का आधार सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। जिसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है तो सरकार को भी उसका सम्मान करते हुए अपना रुख साफ करते हुए शासनादेश जारी कर देना चाहिए। 

कर्मचारी नेताओं की बैठक में बनेगी अगली रणनीति 

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की अन्य प्रदेशों से आए कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक होगी। यमुना कॉलोनी स्थित मनोरंजन सदन में होने वाली बैठक में प्रदेश व्यापी हड़ताल और देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को लेकर रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं, इसके बाद पत्रकार वार्ता कर अगली रणनीति के बारे में जानकारी दी जाएगी। 

हड़ताल की लगाई सूचना 

एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को ही दो मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की सूचना कार्यालयों में चस्पा कर दी गई। वहीं एसोसिएशन ने कर्मचारियों को यह भी कहा है कि वह अपने कार्यालयाध्यक्ष को हड़ताल पर जाने की विधिवत सूचना दे दें। ताकि बाद में किसी तरह की तकनीकी समस्या का सामना न करना पड़े। 

हड़ताल को बनाया गया सचल दल

दो मार्च से प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने के लिए एसोसिएशन ने 14 सदस्यीय सचल दल का गठन किया है। एसोसिएशन के संयोजक मंडल के मुख्य संयोजक संदीप चमोला व रीता कौल ने बताया कि सचल दल हड़ताल के दौरान विभिन्न विभागों का भ्रमण करेगा। 

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यह हैं सचल दल के सदस्य 

- शिव स्वरूप त्रिपाठी, उप सचिव 

- ब्योमकेश दुबे, अनु सचिव 

- निर्मल कुमार, अनु सचिव 

- जेपी मैखुरी, अनुभाग अधिकारी 

- कमलेश जोशी, अनुभाग अधिकारी 

- अनिल उनियाल, अनुभाग अधिकारी 

- पुष्कर नेगी, अनुभाग अधिकारी 

- भूपेंद्र बसेड़ा, निजी सचिव 

- जीवन सिंह बिष्ट, मुख्य सुरक्षा अधिकारी 

- नरेंद्र भट्ट, समीक्षा अधिकारी 

- युक्ता मित्तल, समीक्षा अधिकारी 

- ललित चंद्र जोशी, समीक्षा अधिकारी 

- बची सिंह बिष्ट, सहायक समीक्षा अधिकारी 

- राजेंद्र प्रसाद रतूड़ी, सहायक समीक्षा अधिकारी

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