यहां बरसात के दौरान गांव में ही कैद जाते हैं लोग, जानिए वजह

यमकेश्वर और हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से जुड़े बीन नदी में पुल निर्माण की कवायद सरकारी सिस्टम की मार झेलने को मजबूर हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 25 Mar 2019 04:44 PM (IST) Updated:Mon, 25 Mar 2019 08:17 PM (IST)
यहां बरसात के दौरान गांव में ही कैद जाते हैं लोग, जानिए वजह
यहां बरसात के दौरान गांव में ही कैद जाते हैं लोग, जानिए वजह

ऋषिकेश, जेएनएन। पौड़ी लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत यमकेश्वर और हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से जुड़े बीन नदी में पुल निर्माण की कवायद सरकारी सिस्टम की मार झेलने को मजबूर हैं। ऋषिकेश चीला मार्ग पर बीन नदी में उफान आने के कारण मानसून सत्र में यमकेश्वर प्रखंड के डांडा मंडल क्षेत्र के करीब 200 गांव सड़क संपर्क टूटने से नजरबंद होकर रह जाते हैं। 

हरिद्वार से ऋषिकेश को वाली चीला सड़क कई मायनों में महत्वपूर्ण है। कांवड़ यात्रा के दौरान इस सड़क का सदुपयोग होता है। हरिद्वार में प्रमुख पर्वों पर होने वाले स्नान के दौरान इसी रोड पर ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाता है। बड़ी बात यह है कि जनपद पौड़ी की यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत डांडा मंडल क्षेत्र इसी सड़क से जुड़ा है। मानसून सत्र के दौरान बीन नदी में उफान आ जाता है, जिस कारण इस सड़क में यातायात अवरुद्ध करना पड़ता है। डांडा मंडल में जाने के लिए यही एक रास्ता है।

हालत यह है कि मानसून की दस्तक से पूर्व डांडा मंडल के कई गांवों के लोग वर्षा काल के दौरान जरूरत का सामान और राशन जमा करने को मजबूर हो जाते हैं। पूरे मानसून सत्र में डंडा मंडल क्षेत्र का सड़क संपर्क हरिद्वार और ऋषिकेश से कट जाता है। बीन नदी के ऊपर पुल का निर्माण इस क्षेत्र के लिए एक बड़ा मुद्दा है। हर वर्ष चुनाव में राजनीतिक दलों के प्रत्याशी इस मुद्दे को भुनाने से नहीं चूकते हैं। मगर समस्या का समाधान फिर भी नहीं होता है। राजाजी टाइगर रिजर्व के गोहरी रेंज के अंतर्गत यह क्षेत्र आता है। जब कभी भी यहां पुल निर्माण की बात होती है तो पार्क कानून हमेशा आड़े आ जाता है। 

एक वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने की थी पुल निर्माण की घोषणा 

यमकेश्वर प्रखंड के थल नदी प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति में गेंद मेला आयोजित होता है। इस वर्ष 15 जनवरी को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष क्षेत्रीय विधायक रितु खंडूड़ी ने बीन नदी में पुल के निर्माण की मांग उठाई थी। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से यहां पुल के निर्माण की घोषणा की थी। शासन स्तर पर इस घोषणा पर अमल भी हुआ। जून माह के तीसरे सप्ताह में शासनादेश जारी किया गया। जिसमें डबल लेन पुल में 200 मीटर स्पान के साथ आरसीसी पुल का निर्माण होना था। निर्माण के प्रथम चरण में 29 लाख 67 हजार रुपया खर्च होना था। जिसके लिए एक लाख रुपया टोकन मनी भी जारी की गई। 

लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाया गया। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड दुगड्डा ने वन भूमि हस्तांतरण से पूर्व पार्क प्रशासन से पत्राचार शुरू किया। मगर पार्क प्रशासन के अधिकारियों के अब तक इस पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। हस्ताक्षर होने के बाद ही भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी और उसके बाद डीपीआर पर काम शुरू होगा। इसे सिस्टम की मार ही कहा जाएगा कि दो महीने से संबंधित फाइल पार्क प्रशासन मुख्यालय में धूल खा रही है। 

विधायक रितु खंडूड़ी कहती हैं कि बीन नदी में पुल यमकेश्वर ही नहीं बल्कि हरिद्वार और ऋषिकेश क्षेत्र के लिए भी जरूरी है पार्क प्रशासन की ओर से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं पार्क प्रशासन से वार्ता कर इस काम को आगे बढ़ाया जाएगा। 

लोनिवि के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने कहा कि बीन नदी राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में शामिल है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद विभाग ने इस पर पत्रावली तैयार कर दी थी। दो माह पूर्व पार्क प्रशासन को हस्ताक्षर के लिए पत्र भेजा गया है। पत्र मिलने के बाद भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी। 

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