उत्तराखंड के निजी स्कूलों में जून में भी जारी रहेगी आनलाइन क्लास
प्रदेश के निजी स्कूलों में सामान्य दिनों में रहने वाले ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान भी पढ़ाई जारी रहेगी। निजी स्कूलों की एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश के निजी स्कूलों में सामान्य दिनों में रहने वाले ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान भी पढ़ाई जारी रहेगी। छात्र-छात्रओं का पाठ्यक्रम समय पर पूरा करने के लिए निजी स्कूलों की एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है। हालांकि, कई स्कूल जो एसोसिएशन से बाहर हैं, अभी इस पर रणनीति तैयार कर रहे हैं। वहीं, सरकारी स्कूलों की व्यवस्था 17 मई को केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली रियायतों पर निर्भर करेगी।
कोरोना वायरस से फैली महामारी के चलते व्यवस्थाओं में लगातार बदलाव हो रहे हैं। सर्वाधिक सतर्कता स्कूल और कॉलेजों को लेकर बरती जा रही है। ऐसे में स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन माध्यमों से छात्र-छात्रओं को पढ़ाया जा रहा है। सामान्य तौर पर मई के पहले पखवाड़े के बाद स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो जाता है। लेकिन, इस साल निजी स्कूल जून के तीसरे सप्ताह तक ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने जा रहे हैं।
प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए नई चीज है। ऐसे में विषय को समझने में ज्यादा समय लग रहा है। छात्र-छात्रओं की पढ़ाई का नुकसान नहीं हो और पाठ्यक्रम भी समय पर पूरा हो सके, इस लिहाज से निजी स्कूलों में जून के तीसरे सप्ताह तक ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी जाएगी। इसके साथ ही सीबीएसई परीक्षाओं में बैठने के लिए 75 फीसद उपस्थिति भी जरूरी है। आम दिनों में डेढ़ महीने का ग्रीष्मकालीन अवकाश होता है। इस बार 25 जून से 10 जुलाई के बीच शिक्षकों और छात्रों को छुट्टी दी जाएगी।
उधर, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि सरकारी स्कूलों में 24 मई के बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश का प्रावधान है। अभी बोर्ड की कुछ परीक्षाएं और मूल्यांकन कराया जाना है। फिलहाल शिक्षा विभाग अपनी ओर से मूल्यांकन और परीक्षाएं करवाने के लिए तैयार है। ग्रीष्मकालीन अवकाश पर 17 मई को केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली शिकायतों के आधार पर रणनीति तैयार की जाएगी।
शत फीसद ऑनलाइन पढ़ाई वाला विवि बना डीआइटी
कोविड-19 महामारी के बीच शत फीसद ऑनलाइन पढ़ाई (ई-लर्निंग) वाला डीआइटी विवि प्रदेश का पहला विवि बन गया है। कोरोना महामारी से पहले भारतीय संस्थानों ने कभी शत प्रतिशत ऑनलाइन माध्यम में जाने की कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन लॉकडाउन ने बदली परिस्थितियों में ऑनलाइन पढ़ाई की उपयोगिता साबित की। ऑनलाइन पढ़ाई की उपयोगिता को समझते हुए डीआइटी विवि ने ग्लोबल रैंकिंग और रेटिंग एजेंसी के सहयोग से ऑनलाइन शिक्षण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का सहारा लिया।
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कोविड-19 संकट के बीच विद्यार्थियों को शिक्षित करने की उसकी तैयारी ने उसे असाधारण शिक्षण विधियों में अग्रणी विश्वविद्यालय बना दिया है। डीआइटी विश्वविद्यालय उत्तराखंड में पहला और राष्ट्रीय स्तर पर 12वां संस्थान बन गया जो अकादमिक डिजिटलीकरण के लिए ई-लर्निंग एक्सीलेंस प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है। विवि ने 150 अंको में से 145 अंक लेकर सूचना-प्रौद्योगिकी में अपनी श्रेष्ठता को साबित कर दिया है।
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