उत्‍तराखंड: अब संगठन के निशाने पर स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल

अब कांग्रेस संगठन पदाधिकारियों ने भी विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल पर संवैधानिक पद की मर्यादा के बाहर जाकर बयानबाजी के आरोप लगा दिए हैं।

By sunil negiEdited By: Publish:Mon, 03 Oct 2016 11:01 AM (IST) Updated:Tue, 04 Oct 2016 03:00 AM (IST)
उत्‍तराखंड: अब संगठन के निशाने पर स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल

देहरादून [राज्य ब्यूरो]: कांग्रेस संगठन में सरकार को समर्थन दे रहे प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) को लेकर अब विरोध चरम पर पहुंचने लगा है। पार्टी संगठन के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अब सरकार पर ही आरोप जड़ डाला कि वह पीडीएफ को लगातार संरक्षण दे रही है और संगठन को हाशिए पर डाल दिया गया है। यहां तक कि भाजपा के बाद अब कांग्रेस संगठन पदाधिकारियों ने भी विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल पर संवैधानिक पद की मर्यादा के बाहर जाकर बयानबाजी के आरोप लगा दिए हैं।

इन पदाधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा है कि पार्टी संगठन पर की जा रही उनकी टिप्पणी के दूरगामी परिणाम होंगे। माना जा रहा है कि कांग्रेस की सोमवार को हरिद्वार में होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में भी इस कलह का असर नजर आएगा।

सूबे में सत्तासीन कांग्रेस में पीडीएफ को लेकर काफी समय से तनातनी चल रही है। इस मसले पर कई बार प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विरोधाभासी बयान सामने आ चुके हैं। मुख्यमंत्री लगातार पीडीएफ के साथ खड़े हैं। यही कारण भी है कि अब पीडीएफ सदस्य भी सीधे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं।


अब कांग्रेस संगठन का एक बड़ा धड़ा खुल कर पीडीएफ के विरोध में सामने आ गया है। पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष एसपी सिंह, महामंत्री तरुण पंत, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, प्रवक्ता डॉ. आरपी रतूड़ी, सुरेश गौरी, हरिकृष्ण भट्ट, सरिता नेगी, दीपक बलूटिया व मनीष कर्णवाल तथा अध्यक्ष साहित्य संवद्र्धन कांग्रेस डॉ. आनंद सुमन सिंह ने सरकार में शामिल पीडीएफ विधायकों की ओर से संगठन के बारे में की जा रही टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

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संयुक्त बयान जारी कर इन पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार एक ओर पार्टी संगठन को नसीहत दे रही है कि पीडीएफ पर संगठन की ओर से कोई नसीहत न दी जाए वहीं सरकार में बैठे लोग पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पर लगातार कांग्रेस संगठन को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।


यहां तक कि अब विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल भी अपने ही संगठन पर अंगुली उठाने से नहीं चूक रहे हैं। वे भूल गए हैं कि वे विधानसभा अध्यक्ष के गरिमामयी संवैधानिक पद पर विराजमान हैं तथा उन्हें संगठन व सरकार के बीच सामंजस्य बनाने का काम करना चाहिए। उनकी संगठन पर की गई टिप्पणी के दूरगामी परिणाम होंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार के मुखिया को सरकार चलाने के साथ ही संगठन के कार्यकर्ता के सम्मान की भी रक्षा करनी है क्योंकि सरकार संगठन से है, संगठन सरकार से नहीं है। इन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से आग्रह किया कि पीडीएफ विधायक जिस प्रकार संगठन पर छींटाकशी कर रहे हैं, उसे मात्र सरकार को बचाए रखने के लिए सहन करना पार्टी हित में नहीं है। आगामी चुनाव संगठन के कार्यकर्ता लड़ाएंगे न कि निर्दलीय विधायक व उनके सहयोगी।

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