कोरोना संदिग्धों पर गड़ी तीसरी नजर, अब छिपे नहीं रह सकेंगे ये लोग

इसे कोरोना का खौफ या बढ़ती जन जागरूकता कहें बाहर से आने वाले लोगों और कोरोना संदिग्धों पर तीसरी नजर गड़ी हुई है। ये तीसरी नजर आस-पड़ोस और नजदीकी लोगों की है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 09:39 AM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 09:39 AM (IST)
कोरोना संदिग्धों पर गड़ी तीसरी नजर, अब छिपे नहीं रह सकेंगे ये लोग
कोरोना संदिग्धों पर गड़ी तीसरी नजर, अब छिपे नहीं रह सकेंगे ये लोग

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। इसे कोरोना का खौफ या बढ़ती जन जागरूकता कहें, बाहर से आने वाले लोगों और कोरोना संदिग्धों पर तीसरी नजर गड़ी हुई है। ये तीसरी नजर आस-पड़ोस और नजदीकी लोगों की है। ये लोग गुपचुप तरीके से कंट्रोल रूम को सूचना देने लगे हैं। तीसरी नजर की बदौलत ही पुलिस और प्रशासन को उम्मीद है कि कोरोना संदिग्धों में तब्लीगी जमात से हो या अन्य कोई अब ज्यादा देर तक छिपा नहीं रह सकेगा। खासतौर पर चार जिलों हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून और ऊधमसिंह नगर में बाहर से आने वाले करीब सात हजार लोगों की ट्रेसिंग और ट्रेकिंग के लिए पड़ोस के लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।

उत्तराखंड में बाहर से आने वाले लोगों की केंद्र सरकार से मिली सूची में सबसे ज्यादा हरिद्वार जिले के हैं। दरअसल लॉकडाउन होने के बाद बाहर से राज्य में 7889 लोगों की आमद दर्ज की गई। हालांकि यह संख्या लगातार अपडेट हो रही है। प्रदेश में आने वालों में सबसे ज्यादा हरिद्वार जिले में 4508 लोग आए। इसके बाद दूसरे स्थान पर नैनीताल जिला है। वहां 1137 लोग बाहर से आए। देहरादून व ऊधमसिंह नगर जिलों में क्रमश: 856 व 411 लोग आए।

केंद्र से यह सूची मिलने के बाद से ही राज्य कंट्रोल रूम के साथ ही देहरादून और हरिद्वार स्थित सेटेलाइट कंट्रोल रूम इन लोगों की ट्रेकिंग व ट्रेसिंग का काम शुरू कर चुका है। राज्य के सभी 13 जिलों में बाहर से लोग आए हैं, लेकिन सिर्फ चार जिलों में आने वाले लोगों की संख्या 6912 रही। यह कुल संख्या का करीब 88 फीसद है। ऐसे साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोग अब भी स्थानीय प्रशासन के रडार पर हैं।

सूत्रों के मुताबिक इन चार जिलों में ही तब्लीगी जमात के लोगों की सर्वाधिक संख्या हो सकती है। ऐसे में जमात के लोगों को ट्रेस व ट्रेक करने में पड़ोसियों की मदद ली जा रही है। हालांकि ऐसे लोगों का नाम गुप्त रखा जा रहा है। इस काम में विशेष रूप से ग्राम प्रधानों व स्थानीय निकाय पार्षदों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों से लगातार संपर्क में बने हुए हैं। स्थानीय थानों की ओर से लगातार दूरभाष पर संपर्क के अब सार्थक नतीजे दिखने की बात सामने आ रही है।

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मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को कोरोना संदिग्धों की पहचान और बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए ग्राम प्रधानों व पार्षदों की मदद से स्थानीय लोगों को प्रोत्साहित करने को कहा गया है।

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