बालिका निकेतन की अधीक्षक ने नहीं माने आदेश, नोटिस

जागरण संवाददाता, देहरादून: नाबालिग लड़की से विवाह के शक संबंधी मामले में जिला बाल कल्याण समिि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 May 2018 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 04 May 2018 03:00 AM (IST)
बालिका निकेतन की अधीक्षक ने नहीं माने आदेश, नोटिस
बालिका निकेतन की अधीक्षक ने नहीं माने आदेश, नोटिस

जागरण संवाददाता, देहरादून: नाबालिग लड़की से विवाह के शक संबंधी मामले में जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा ने बालिका निकेतन की प्रभारी अधीक्षक सुनीता सिंह को नोटिस भेजा है। दरअसल, लड़की के बालिग होने संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत होने के बाद समिति ने उसे परिजनों को सौंपने के आदेश जारी किए थे, लेकिन अधीक्षक ने आदेश मानने से इंकार कर दिया और लड़की को परिजनों को नहीं सौंपा। इसे लेकर बाल कल्याण समिति ने स्पष्टीकरण मांगा है।

गुरुवार को समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा की ओर से भेजे पत्र में कहा कि लड़की के बालिग होने के बाद उसे बालिका निकेतन में नहीं रखा जा सकता है। इसलिए समिति ने 30 अप्रैल को उसे परिजनों को सौंपने के आदेश दिए थे, लेकिन उन्होंने लड़की को परिजनों को नहीं सौंपा। इससे उसके परिजनों का मानसिक उत्पीड़न भी हुआ है। उन्होंने कहा कि समिति को बालिका निकेतन में लड़की रखने व मुक्त करने के विशेषाधिकार है। इसके बावजूद भी अधीक्षक ने आदेश का पालन नहीं किया। यह गंभीर विषय है। उन्होंने अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है।

बता दें कि चार दिन पूर्व नेहरू ग्राम क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के विवाह की सूचना मिली थी। चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने पुलिस की मदद से विवाह रुकवाकर लड़की को जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया था। समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा ने लड़की के बालिग होने की पुष्टि होने तक उसे बालिका निकेतन में रखने के आदेश दिए थे। बाल विवाह मामले में आदेश जारी

देहरादून : रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत एक और नाबालिग लड़की से विवाह का मामला प्रकाश में आया है। इसमें लड़की की उम्र 17 वर्ष पाई गई है, जबकि लड़के की उम्र 20 वर्ष है। दरअसल, 14 अप्रैल को एम्पाव¨रग पीपुल एनजीओ व पुलिस की मदद से बाल विवाह रुकवाया गया था। जिला बाल कल्याण समिति में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। गुरुवार को समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा ने कहा कि बाल विवाह गैरकानूनी है। शुरू में वर-वधु उनसे असहमति जताने लगे, लेकिन अंत में दोनों पक्ष राजी हो गए।

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