नमामि गंगे के कार्यों पर गहनता से जांच के बाद रिपोर्ट तलब

दैनिक जागरण के अभियान निर्मल गंगा के तहत प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए नमामि गंगे के कार्यक्रम निदेशक उदयराज सिंह ने कार्यदायी संस्थाओं को जांच के निर्देश दिए हैं।

By Edited By: Publish:Mon, 01 Jul 2019 07:56 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2019 12:15 PM (IST)
नमामि गंगे के कार्यों पर गहनता से जांच के बाद रिपोर्ट तलब
नमामि गंगे के कार्यों पर गहनता से जांच के बाद रिपोर्ट तलब

देहरादून, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय नदी गंगा के उद्गम स्थल उत्तराखंड में गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता के लिए चल रही नमामि गंगे परियोजना को लेकर सिस्टम अब गंभीर हुआ है। 'दैनिक जागरण' के अभियान 'निर्मल गंगा' के तहत प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए राज्य कार्यक्रम प्रबंधन ग्रुप (नमामि गंगे) के कार्यक्रम निदेशक उदयराज सिंह ने कार्यदायी संस्थाओं को जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने गोमुख से लेकर हरिद्वार तक विभिन्न कार्यों को लेकर उठाए गए बिंदुओं की गहनता से जांच पड़ताल कर जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

'दैनिक जागरण' ने राज्य में संचालित केंद्र पोषित नमामि गंगे परियोजना और इसके तहत हो रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), नालों की टैपिंग, कचरा प्रबंधन से संबंधित कार्यों की जमीनी हकीकत जानने को पांच से 30 जून तक 'निर्मल गंगा' अभियान चलाया। साथ ही अभियान के दौरान गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने में सक्रिय जनभागीदारी के मद्देनजर जगह- जगह संकल्प पत्र भरवाए गए।

अभियान के दौरान एसटीपी के कार्यों को लेकर सुस्त रफ्तार सामने आई तो पूर्व में टैप हो चुके नालों के कारगर न होने की बात भी। ये भी पता चला कि कुछ स्थानों पर गंगा किनारे किए गए पौधरोपण के तहत रोपे गए पौधों की जगह अब लैंटाना की झाड़ियों व गाजर घास ने ले ली है। कुछेक एसटीपी के मामले में कार्यदायी संस्थाओं और स्थानीय प्रशासन के मध्य समन्वय की कमी का मसला भी सामने आया। जमीनी पड़ताल के दरम्यान ऐसी अन्य कई खामियां भी नजर आईं।

'दैनिक जागरण' में प्रकाशित इन खबरों को नमामि गंगे अभियान के तहत प्रदेश में गठित राज्य कार्यक्रम प्रबंधन गु्रुप (एसपीएमजी) ने संज्ञान लिया है। शासन में अपर सचिव एवं एसपीएमजी के कार्यक्रम निदेशक उदयराज ने बताया कि गोमुख से लेकर हरिद्वार तक विभिन्न कार्यों के संबंध में उठाए गए बिंदुओं की कार्यदायी संस्थाओं पेयजल निगम, सिंचाई विभाग, वन विभाग, वेबकॉस कंपनी, नगर निगम हरिद्वार को जांच पड़ताल के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी को इस बारे में जल्द से जल्द रिपोर्ट एसपीएमजी को भेजने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं खामियां हैं तो उन्हें तुरंत दूर कराया जाएगा। साथ ही जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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