National Education Policy 2020: जीवन के मूल्यों पर केंद्रित है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

प्रो. नरेंद्र चौधरी ने कहा कि पास-फेल के अनुमान की जगह छात्रों के समग्र विकास एवं जीवन मूल्य केंद्रित शिक्षा इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 09:45 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 09:45 AM (IST)
National Education Policy 2020: जीवन के मूल्यों पर केंद्रित है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
National Education Policy 2020: जीवन के मूल्यों पर केंद्रित है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

देहरादून, जेएनएन। National Education Policy 2020 प्रो. नरेंद्र चौधरी (कुलपति, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय) ने कहा कि पास-फेल के अनुमान की जगह छात्रों के समग्र विकास एवं जीवन मूल्य केंद्रित शिक्षा इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना है। पिछले सात दशकों में हमारे देश में शिक्षा का विस्तार तो हुआ, मगर शिक्षा में मानवीय संवेदना जो हमारे धरोहर की गुरुकुल पद्धति में मौजूद थी। 

आज की शिक्षा में खत्म सी हो गई है। अब लागू होने जा रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्वामी विवेकानंद द्वारा कथित ‘शिक्षा का मूल उद्देश्य मानव के अंदर व्याप्त सुप्त शक्ति का प्रकटीकरण है।’ को समाए हुए है। अर्थव्यवस्था को विकसित करने में ज्ञान सृजन और अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज देश को सामाजिक चुनौतियों सामना करने और इनके समाधान खोजने के लिए उच्चस्तरीय अंतर विषयक अनुसंधान की आवश्यक है। राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना से राष्ट्र में गुणवत्तायुक्त अनुसंधान को सही रूप में विकसित किया जा सकेगा। 

एनआरएफ राज्य विश्वविद्यालयों व अन्य सार्वजनिक संस्थानों में अनुसंधान को स्थापित करने का कार्य करेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में अनुसंधान की गुणवत्ता और उसकी मात्र को बदलने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को लागू करती है। इस नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा की नियामक प्रणाली परिवर्तन को आवश्यक बताया गया है जो उच्चतर शिक्षा क्षेत्र को सक्रिय करने और इसे कामयाब बनाने में सहायक होगा। यह शिक्षा नीति नियंत्रण व संतुलन से शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने का कार्य करेगी। साथ ही राजकीय और निजी सभी उच्चतर शिक्षण संस्थानों को समानता प्रदान करेगी। 

उच्चतर शिक्षण संस्थानों में प्रभावी प्रशासन और नेतृत्व के लिए भी यह शिक्षा नीति लाभकारी सिद्ध होगी। शिक्षा नीति में प्रौढ़ शिक्षा को भी बढ़ावा दिया गया है। प्रौढ़ शिक्षा के लिए पाठ्यचर्यात्मक ढांचे में बुनियादी साक्षरता, संख्या ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, वित्तीय साक्षरता, डिजीटल साक्षरता, व्यावसायिक कौशल विकास, भारतीय भाषाओं, कला व संस्कृति के संवर्धन आदि को शामिल किया जाएगा। प्रौद्योगिकी के उपयोग और एकीकरण के लिए भी यह शिक्षा नीति कार्य करेगी। इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ) की स्थापना की जा रही है। 

एनईटीएफ केंद्र व राज्य सरकार की एजेंसियां को स्वतंत्र व प्रमाण आधारित परामर्श उपलब्ध करवाएगा। साथ ही शैक्षिक प्रौद्योगिकी में बौद्धिक एवं संस्थागत क्षमता का निर्माण करवाएगा। इसके अलावा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रणनीतिक रूप से अत्यन्त प्रभावी कार्यो की परिकल्पना व अनुसंधान और नवाचार के लिए नई दिशाओं को स्पष्ट करने का कार्य करेगी।

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अत: मुझे विश्वास है कि इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हमने आगामी दशकों में भारतवर्ष को पुन: विश्वगुरु विराजित कराने की नींव रखी है। लागू की जा रही नई शिक्षा नीति से मानवीय जीवन का सही कार्यान्वयन हमें नई उंचाइयों पर पहुंचाएगा।

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