दून रेलवे स्टेशन के साइन बोर्ड से हटा संस्कृत में लिखा नाम Dehradun News

देहरादून रेलवे स्टेशन के साइन बोर्ड से संस्कृत में लिखे स्टेशन के नाम को फिलहाल हटा दिया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 13 Feb 2020 04:54 PM (IST) Updated:Thu, 13 Feb 2020 04:54 PM (IST)
दून रेलवे स्टेशन के साइन बोर्ड से हटा संस्कृत में लिखा नाम Dehradun News
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देहरादून, जेएनएन। देहरादून रेलवे स्टेशन के साइन बोर्ड से संस्कृत में लिखे स्टेशन के नाम को फिलहाल हटा दिया गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार व रेलवे बोर्ड से साइन बोर्ड पर लिखे जाने वाले नामों की रूपरेखा मिलने के बाद दोबारा नाम लिखा जाएगा।

देहरादून रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के दौरान सात फरवरी की सुबह स्टेशन पर लगे साइन बोर्ड पर उत्तराखंड की दूसरी राजभाषा संस्कृत में भी स्टेशन का नाम 'देहरादून्म' लिखा गया है। जिसके बाद रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने सर्कुलर जारी कर कहा कि स्टेशन पर दूसरी राजभाषा में नाम लिखा जा सकता है, लेकिन इसी एवज में उर्दू में लिखे नाम को नहीं हटाया जा सकता। जिस पर दून रेलवे स्टेशन प्रशासन ने स्टेशन के संस्कृत भाषा में लिखे देहरादून्म को हटा दिया है।

स्टेशन निदेशक गणेश चंद ठाकुर ने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार व रेलवे बोर्ड से बोर्ड पर लिखे जाने वाले नामों का साइज समेत अन्य रूप रेखा मांगी गई है। जिसके बाद ङ्क्षहदी, संस्कृत, उर्दू व अंग्रेजी भाषा में स्टेशन के नाम को लिखा जाएगा।

संस्कृत में लिखे नाम को हटाने का विरोध

संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक समिति व अन्य सामाजिक संगठनों ने देहरादून रेलवे स्टेशन से संस्कृत भाषा में लिखे नाम को हटाने पर स्टेशन निदेशक को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्टेशन परिसर में विरोध जताते हुए दोबारा नाम लिखने की मांग की।

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बुधवार को संस्कृत विद्यालय महाविद्यालय शिक्षक समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामभूषण बिजल्वाण के नेतृत्व में एक दल दून स्टेशन पर पहुंचा। रामभूषण ने बताया कि हॉल ही में स्टेशन प्रबंधन ने दून स्टेशन के साइन बोर्ड पर देहरादून स्टेशन का नाम संस्कृत में लिखा था। कुछ दिन बाद उसे हटा दिया गया। कहा कि संस्कृत भारत की प्राचीन व उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है। ऐसे में साइन बोर्ड से संस्कृत में नाम हटाना राजभाषा के अपमान से कम नहीं है। इस संबंध में उन्होंने स्टेशन निदेशक गणेश चंद को ज्ञापन सौंप दो दिन में साइन बोर्ड पर संस्कृत में नाम लिखने की मांग की है। इस दौरान डॉ. मुकेश खंडूड़ी, रामप्रसाद थपलियाल, चंद्रकांत, अरुण कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।

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