जमीन को सोना बनाने की चाहत में प्रापर्टी डीलर को मिली मौत, जानिए

देहरादून के जयकरण रौतेला ने प्रापर्टी डीलिंग के जरिये जमीन को सोना बनाकर अकूत कमाई का जो सपना देखा उसके बदले उसे मौत मिली।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 04:44 PM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2019 04:44 PM (IST)
जमीन को सोना बनाने की चाहत में प्रापर्टी डीलर को मिली मौत, जानिए
जमीन को सोना बनाने की चाहत में प्रापर्टी डीलर को मिली मौत, जानिए

देहरादून, जेएनएन। अमीर कौन नहीं बनना चाहता, लेकिन जयकरण रौतेला ने प्रापर्टी डीलिंग के जरिये जमीन को सोना बनाकर अकूत कमाई का जो सपना देखा, उसके बदले उसे मौत मिली। दरअसल, इस धंधे में उसने तेजी से कुलांचे भरनी शुरू कीं तो उसके कुछ दोस्त ही दुश्मन बन बैठे। यह अकेले जयकरण की ही आपबीती नहीं, देहरादून में प्रापर्टी को लेकर विवाद के मामले में अक्सर ही सामने आते रहते हैं। एसआइटी के आंकड़े गवाह हैं कि बीते साल पांच सौ से अधिक लोग जमीन धोखाधड़ी के शिकार हुए। 

बीते डेढ़-दो दशक में प्रापर्टी डीलिंग का धंधा ऐसा चमका कि जरा सी ताकत रखने वाला शख्स प्रापर्टी डीलर बन गया। वह भू-स्वामी को उसकी अच्छी कीमत दिलाने का सब्जबाग दिखाकर खुद भी मोटा कमीशन गटकने लगे। देखते ही देखते प्रापर्टी डीलरों की पूरी फौज खड़ी होने लगी।

शुरुआती दौर में रजिस्ट्रेशन की बाध्यता न होने और सरकारी तंत्र का भय न होने के चलते इलाकों के दबंग किस्म के लोगों का यह जल्द अमीर बनने का सबसे आसान रास्ता बन गया। दरअसल, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत मूलभूत सुविधाओं की सहूलियत के चलते तमाम लोगों का यह सपना होता है कि छोटा सा ही सही, देहरादून में अपना घर हो। लोगों के इसी सपने को भुनाने को प्रापर्टी डीलर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते। खरीददार मिलते ही वह ऐसा सब्जबाग दिखाते हैं कि सामने वाले को उसकी बात पर यकीन आ ही जाता है। हकीकत तब सामने आती है जब खरीददार के सामने जमीन को लेकर विवाद खड़ा होता है। 

यह है दून की हकीकत 

गढ़वाल रेंज मुख्यालय में गठित विशेष जांच दल भूमि (एसआइटी) के पास पिछले वर्ष ऐसी 514 शिकायतें पहुंचीं। वहीं वर्ष 2017 की लंबित 78 लंबित शिकायतों को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 596 पहुंच जाता है। इसमें 460 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है, 136 की अभी जांच जारी है। इसमें से 66 में जमीन फर्जीवाड़े में मुकदमा पंजीकृत हुआ, जिसमें चालीस जालसाजों की गिरफ्तारी भी हुई। वहीं 103 मामलों में दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया। 

बोले अधिकारी

अजय रौतेला (आइजी, गढ़वाल रेंज) का कहना है कि भूमि विवाद के मामले में प्रापर्टी डीलरों का नाम सामने आने पर उन पर कार्रवाई भी की जाती है। विगत वर्षों में आए अधिकांश मामलों में हड़पी गई रकम वापस कराने के साथ कई को जेल भेजा गया। 

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