राशन कार्ड निरस्त करने पर घिरा जिला पूर्ति विभाग, जानिए कैसे

आधार लिंक न होने की वजह से 25 से अधिक राशन कार्ड निरस्त करने के मामले में जिला पूर्ति विभाग घिर गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 30 Nov 2018 04:14 PM (IST) Updated:Fri, 30 Nov 2018 04:14 PM (IST)
राशन कार्ड निरस्त करने पर घिरा जिला पूर्ति विभाग, जानिए कैसे
राशन कार्ड निरस्त करने पर घिरा जिला पूर्ति विभाग, जानिए कैसे

देहरादून, जेएनएन। आधार लिंक न होने की वजह से 25 से अधिक राशन कार्ड निरस्त करने का मामला सामने आया है। जिला पूर्ति विभाग ने राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा योजना (एनएफएसवाई) के इन गरीब परिवारों के खाद्यान्न कोटे पर रोक लगाई है। इसके चलते ये कार्डधारक दो माह से सरकारी खाद्यान्न से वंचित हैं। इससे सवाल उठ रहे हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट आधार लिंक न होने के कारण लाभार्थियों को किसी भी योजना से वंचित न रखने के निर्देश दे चुका है, तो इन परिवारों को उनके हक का राशन क्यों नहीं मिल पा रहा।

दरअसल, धामावाला क्षेत्र के 25 से 30 परिवार ऐसे हैं, जिनके अगस्त माह के अंत में राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए। ताज्जुब की बात यह भी कि इनमें करीब 15 सफेद राशन कार्ड हैं, जिसमें गरीबी रेखा वाले परिवार शामिल होते हैं। पीड़ि‍त कार्डधारकों ने कहा कि दो-दो बार आधार कार्ड की प्रति जमा कराने के बावजूद उनके कार्ड निरस्त किए गए। उन्होंने अधिकारियों पर अनियमितता के आरोप लगाते हुए जल्द कार्ड वैध करार करने की मांग की। वहीं, राशन विक्रेता ने भी विभाग पर गलत तरीके से राशन कार्ड निरस्त करने का आरोप लगाया। केस 1- धामावाला निवासी फरहान ने कहा कि उन्हें अक्टूबर व नवंबर माह का राशन नहीं मिला है। कई बार डीएसओ कार्यालय के चक्कर भी काटे, लेकिन अधिकारी कुछ सही से बताते नहीं हैं। केस 2- धामावाला निवासी बाबू ने कहा कि आधार लिंक न होने के कारण उनका राशन कार्ड निरस्त किया गया। लेकिन, उन्होंने दो बार दस्तावेज जमा किए थे। विभागीय अधिकारी गरीबों को बेवजह प्रताड़ि‍त कर रहे हैं। उन्हें बाजार से महंगी दर पर राशन खरीदना पड़ रहा है।

दो पूर्ति निरीक्षकों के खिलाफ जांच को पत्र

फर्जी राशन कार्ड बनाने के आरोपों पर खाद्य पूर्ति विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ दोबारा जांच शुरू होगी। जिला पूर्ति अधिकारी की जांच से असंतुष्ट शिकायतकर्ता ने सीएम कार्यालय में दोबारा शिकायत की है। जिसके बाद सीएमओ ने आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति से दोबारा जांच की सिफारिश की है।

सूचना का अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दीपनगर निवासी अनिल कुमार ने सीएम कार्यालय में लिखित शिकायत दी है। इसमें पूर्ति निरीक्षक सुनील देवली व तत्कालीन निरीक्षक गोपाल सिंह मटुआ पर फर्जी राशन कार्ड बनाने के आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता ने डीएसओ स्तर पर हुई जांच पर असंतोष जताया और फिर से निष्पक्ष जांच की मांग की। शिकायत का संज्ञान लेते हुए सीएमओ की ओर से आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को   जांच कराने व की गई कार्रवाई से अवगत कराने को पत्र भेजा है। उधर, पूर्ति निरीक्षक सुनील देवली ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि इन आरोपों की पहले भी जांच हो चुकी है, जिसमें आरोप झूठे साबित हुए हैं।

शिकायतकर्ता की मंशा पर उठाए सवाल

जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार ने कहा कि जांच के समय कई बार शिकायतकर्ता से सहयोग लेने को संपर्क किया गया, लेकिन वह एक बार भी उपस्थित नहीं हुए। इन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई थी और ऐसा प्रतीत हुआ कि आरोप किसी और मंशा से लगाए गए थे।

आनंदवर्धन (आयुक्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति) का कहना है कि अभी ऐसे किसी पत्र की जानकारी नहीं मिली है। यदि ऐसा है तो मामले का संज्ञान लिया जाएगा और आरोपों की जांच कराई जाएगी।

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