उत्तराखंडः पब्लिक से कैसा पर्दा, ये तो जानती है सब

उत्तराखंड में मौजूदा विधानसभा अब अपने अंतिम दौर में है। साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर भी अब तक भी 59 में से केवल 23 विधायकों ने ही अपनी संपत्ति की जानकारी उपलब्ध कराई।

By BhanuEdited By: Publish:Wed, 24 Aug 2016 10:21 AM (IST) Updated:Wed, 24 Aug 2016 10:27 AM (IST)
उत्तराखंडः पब्लिक से कैसा पर्दा, ये तो जानती है सब

देहरादून, [विकास धूलिया]: क्या आप यकीन करेंगे कि उत्तराखंड विधानसभा के अधिकांश 'माननीयों' को पारदर्शिता से कोई सरोकार नहीं। देशभर में पिछले कुछ अरसे से भ्रष्टाचार के खिलाफ और रोजमर्रा के काम में पारदर्शिता का माहौल बना है, मगर सूबे के ज्यादातर विधायक मानों इससे अछूते हैं।

अगर ऐसा न होता तो भला विधानसभा सचिवालय में अपनी संपत्ति की घोषणा से कतराने की इन्हें क्यों जरूरत पड़ती। आलम यह है कि कार्यकाल पूरा होने जा रहा है और मौजूदा 59 सदस्यीय विधानसभा के केवल 23 सदस्यों ने ही विधानसभा सचिवालय में अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है।

पढ़ें-उत्तराखंड: द ग्रेट खली के 'दांव' से कांग्रेस को झटका
उत्तराखंड में विधानसभा सदस्यों का ओर से अपनी संपत्ति का ब्योरा देने का प्रावधान है। हर साल इस ब्योरे को अपडेट भी किया जाता है मगर सूबे के विधायक इस मामले में उदासीन ही साबित हुए हैं।
दरअसल, उत्तराखंड में भी उत्तर प्रदेश मंत्री तथा विधायक (आस्तियों तथा दायित्वों का प्रकाशन) अधिनियम 1975 की धारा 3(2) एवं धारा 4 में निर्धारित समय के भीतर विधायकों से प्राप्त संपत्ति के ब्योरे को विधानसभा सचिवालय द्वारा सार्वजनिक किया जाता है।

पढ़ें-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के सामने कार्यकर्ताओं में हाथापाई
सचिवालय से हर साल इसके लिए सर्कुलर जारी कर प्राप्त सूचना को प्रकाशित किया जाता है। अब क्योंकि यह प्रावधान बाध्यकारी नहीं, बल्कि स्वैच्छिक है। लिहाजा अधिकांश विधायक इससे बच कर निकल जाते हैं।
मौजूदा विधानसभा अब अपने अंतिम दौर में है, साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है लेकिन अब तक भी 59 में से केवल 23 विधायकों ने ही अपनी संपत्ति की जानकारी उपलब्ध कराई है।
गौरतलब है कि एक मनोनीत समेत 71 सदस्यीय विधानसभा के 11 विधायकों की सदस्यता दलबदल कानून के तहत खत्म कर दी गई है, जबकि एक विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। संपत्ति का ब्योरा देने वालों में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्ष भाजपा के 10-10 विधायकों के अलावा सरकार में शामिल तीन निर्दलीय विधायकों के नाम शामिल हैं। विधानसभा सचिवालय से उपलब्ध जानकारी के मुताबिक अब तक संपत्ति की जानकारी न देने वालों में छह कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं।

पढ़ें- उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के सभी मामलों की हो न्यायिक जांचः किशोर
विधायकों को भेजा जाएगा रिमाइंडर
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के मुताबिक विधायकगणों से पहले भी पत्र भेजकर अपनी संपत्ति का ब्योरा विधानसभा सचिवालय को उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गई थी। ब्योरा उपलब्ध न करने पर उनके विरुद्ध किसी तरह की कार्यवाही का कोई प्रावधान नहीं है। संभवतया यह भी एक वजह है कि इसमें ज्यादातर लोग रुचि नहीं ले रहे। इस बारे में फिर से विधायकगणों को रिमाइंडर भेजा जाएगा।
इन माननीयों ने दिया संपत्ति का ब्योरा
हरीश रावत, गोविंद सिंह कुंजवाल, आरवी गार्डनर, अनुसूया प्रसाद मैखुरी, मंत्री प्रसाद नैथानी, हरीश चंद्र दुर्गापाल, सहदेव सिंह पुंडीर, प्रो. जीतराम, विजय बड़थ्वाल, हरभजन सिंह चीमा, प्रीतम सिंह पंवार, पूरन सिंह फत्र्याल, सुरेंद्र सिंह जीना, गणेश जोशी, संजय गुप्ता, अजय भट्ट, बिशन सिंह चुफाल, नवप्रभात, बंशीधर भगत, सुंदरलाल मंद्रवाल, मदन सिंह बिष्ट, मदन कौशिक, प्रीतम सिंह।

पढ़ें-सीएम हरीश रावत बोले, दिल मांगे मोर वाले नेता हैं भीमलाल आर्य

chat bot
आपका साथी