दून रेलवे स्टेशन पर शरारती तत्वों का बोलबाला, लगा रहे ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक

रेलवे स्टेशन पर शरारती तत्वों का बोलबाला है जिसका खामियाजा ट्रेन से सफर करने वाली जनता को भुगतना पड़ रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 02:06 PM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2020 02:06 PM (IST)
दून रेलवे स्टेशन पर शरारती तत्वों का बोलबाला, लगा रहे ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक
दून रेलवे स्टेशन पर शरारती तत्वों का बोलबाला, लगा रहे ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक

देहरादून, जेएनएन। देहरादून रेलवे स्टेशन पर शरारती तत्वों का बोलबाला है, जिसका खामियाजा ट्रेन से सफर करने वाली जनता को भुगतना पड़ रहा है। शरारती तत्व बद्रीश कॉलोनी के आसपास लगे सिग्नल केबिन में पत्थर फंसा कर सिग्नल फेल कर रहे हैं, जिससे घंटों तक ट्रेन आउटर पर खड़ी रहती है। इससे यात्रियों को असुविधा होती है। रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने इसकी शिकायत पुलिस से की है। 

देहरादून रेलवे स्टेशन को दस नवंबर से सात फरवरी तक बंद रखा गया। कारण था देहरादून यार्ड री-मॉडलिंग कार्य को पूरा कर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जा सकें। इसके लिए करोड़ों रुपये भी खर्च किए गए। यार्ड री-मॉडलिंग कार्य में स्टेशन पर पांच प्लेटफार्म बनाए गए। इसके अलावा इलेक्ट्रिफिकेशन को बढ़ावा देते हुए केबिन कार्य को इलेक्ट्रॉनिक किया गया, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक केबिन सिस्टम जनता को घंटों का इंतजार करा रहा है। 

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बद्रीश कॉलोनी के आसपास रेलवे लाइन पर सिग्नल केबिन सिस्टम लगाए गए हैं, जो ट्रेन के आने-जाने के समय पर इलेक्ट्रॉनिक कमांड पर कार्य करते हैं। इससे रेलवे कर्मचारियों को काफी सहूलियत हो जाती है। पर बद्रीश कॉलोनी के आसपास कुछ शरारती तत्व केबिन सिस्टम की पटरियों में पत्थर फंसा देते हैं, जिससे सिग्नल फेल हो जाते हैं। इस कारण लोको पायलट को ट्रेन को आनन-फानन रोकनी पड़ती है।

दून स्टेशन पर सिग्नल फेल करने की शिकायत पुलिस से की गई है।

पुलिस ने कई बार वहां पेट्रोलिंग की है, लेकिन शरारती तत्व हाथ नहीं लग पाए। हालांकि, रेलवे के अधिकारी इस परेशानी के लिए सारी जिम्मेदारी शरारती तत्वों पर डाल रहे हैं और खुद इससे बचते नजर आ रहे हैं, जबकि शरारती तत्वों के इस कृत्य से रेलवे की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लाजमी हैं। क्योंकि पिछले दस दिनों से यह समस्या आ रही है और रेलवे के अधिकारी अभी तक इसका हल नहीं निकाल सके हैं। 

सिग्नल फेल होने पर पीएलसी के बाद चलती है ट्रेन 

ट्रेन को ग्रीन सिग्नल नहीं मिलने पर लोको पायलट ट्रेन को आउटर पर रोक देता है। इसके बाद नजदीक स्टेशन को इसकी सूचना देता है। स्टेशन मास्टर सिग्नल फेल होने के कारण पता करने के बाद पेपर लाइन क्लीयर (पीएलसी, एक लिखित लेटर जिसमें ट्रेन को चलाने की अनुमति होती है) प्रक्रिया को पूरा करता है। जिसमें एक से डेढ़ घंटे का पसिमय लग जाता है। 

स्टेशन निदेशक गणेश चंद ने बताया कि यार्ड री-मॉडलिंग कार्य के दौरान केबिन कार्य को इलेक्ट्रॉनिक किया गया है। बद्रीश कॉलोनी के पास कुछ शरारती तत्व सिग्नल केबिन में पत्थर फंसा दे रहे हैं। जिस कारण सिग्नल फेल होने की समस्या आ रही है। इसकी पुलिस से शिकायत की गई है। 

डेढ़ साल बाद मिला रेलवे पार्किंग को ठेकेदार 

आखिरकार डेढ़ साल बाद देहरादून रेलवे स्टेशन पर बनी दुपहिया वाहनों की पार्किंग को ठेकेदार मिल ही गया। इसके लिए तीन बार ऑनलाइन टेंडर आमंत्रित किए गए, लेकिन मानकों के अनुसार कोई ठेका उठाने को तैयार नहीं हुआ। अब मानकों में बदलाव करने के बाद चौथी बार में ठेकेदार ने रुचि दिखाई। 

रेलवे स्टेशन पर बनी दुपहिया पार्किंग पिछले डेढ़ साल से निश्शुल्क चल रही थी। मंडल स्तर पर तीन बार पार्किंग का ठेका देने के लिए टेंडर मांगे गए। लेकिन किसी ने भी टेंडर नहीं डाला। इसके बाद रेलवे ने पार्किंग के मानकों में बदलाव किया। पहले पार्किंग के लिए एक लाख ग्यारह हजार रुपये का भत्ता प्रति माह तय था। अब इसके घटाकर 88 हजार किया गया है। जिसके बाद ठेकेदारों ने ठेका लेने में दिलचस्पी दिखाई। पिछले डेढ़ साल से स्टेशन प्रबंधन को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा था। 

पार्किंग में खड़े हो सकते हैं 200-250 वाहन 

रेलवे स्टेशन पर बनी दुपहिया पार्किंग में करीब 200-250 दुपहिया वाहन खड़े हो सकते हैं। इसका शुल्क भी तय है। पहले चार घंटे के लिए 10 रुपये, दो दिन के लिए 20 रुपये और तीसरे दिन से 50 रुपये शुल्क देय है। 

होली पर नहीं मिलेगी स्पेशल ट्रेन, बढ़ेंगे कोच 

होली के त्योहार पर देहरादून स्टेशन से स्पेशल ट्रेन में सफर करने की योजना बना रहे यात्रियों की उम्मीदों को झटका लगा है। होली पर देहरादून स्टेशन को एक भी स्पेशल ट्रेन नहीं मिल रही है। हालांकि रूटीन में चल रही ट्रेनों में कोच बढ़ाए जाएंगे। इसके लिए रेलवे बोर्ड को वेटिंग टिकटों का ब्योरा भी भेजा जा रहा है। 

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देहरादून रेलवे स्टेशन के निदेशक गनेश चंद ठाकुर ने बताया कि होली पर दून स्टेशन को स्पेशल ट्रेन नहीं मिल रही है। स्टेशन से रूटीन में चलने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त कोच बढ़ाए जाएंगे। इसके लिए रेलवे बोर्ड को वेटिंग टिकटों का ब्योरा भेजा जा रहा है। इसी के आधार पर ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जाएंगे। बताया कि स्टेशन की ओर से स्पेशल ट्रेन की डिमांड नहीं की गई है। 

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रद हुई ट्रेनों से होगी परेशानी 

देहरादून स्टेशन से आना-जाना करने वाली जनता, उपासना व उज्जैनी एक्सप्रेस के रद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। तीनों ही ट्रेनें एक अप्रैल तक रद हैं। जबकि मार्च के दूसरे सप्ताह में होली का त्योहार है। ऐसे में ट्रेनों के रद रहने से यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी। 

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