उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर में गिरावट, एसआरएस के सर्वे में दिख राहत भरे आंकड़े

उत्तराखंड में मातृ मृत्यू दर में गिरावट आई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन प्रणाली (एसआरएस) सर्वे के नवंबर माह के आंकड़े कुछ राहत भरे दिख रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 09 Nov 2019 02:32 PM (IST) Updated:Sat, 09 Nov 2019 02:32 PM (IST)
उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर में गिरावट, एसआरएस के सर्वे में दिख राहत भरे आंकड़े
उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर में गिरावट, एसआरएस के सर्वे में दिख राहत भरे आंकड़े

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से सैंपल रजिस्ट्रेशन प्रणाली (एसआरएस) सर्वे के नवंबर माह के आंकड़े कुछ राहत भरे दिख रहे हैं। भारत के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय ने एमएमआर बुलेटिन- 2019 में देश के समस्त राज्यों को तीन अलग-अलग श्रेणियों में रखते हुए मातृ मृत्यु दर से संबंधित सूचकांकों की जानकारी प्रकाशित की है। इनमें एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप के तहत नौ राज्य सम्मिलित हैं, जिनमें उत्तराखंड के एमएमआर में सुधार देखा गया है। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में प्रभारी अधिकारी (एमसीएच) डॉ. कुलदीप सिंह मार्तोलिया ने बताया कि मातृ मृत्यु दर में कमी लाना उत्तराखंड राज्य का अहम लक्ष्य रहा है और इसके तहत विभिन्न महत्वपूर्ण सुविधाओं पर आधारित गतिविधियां अमल में लाई गई हैं। इस कारण संस्थागत प्रसव का ग्राफ बढ़ा और मातृ मृत्यु अनुपात में कमी आई है। 

बता दें, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 2005 से उत्तराखंड में कार्य करना शुरू किया था। मातृ और शिशु स्वास्थ्य इसकी प्राथमिकता में रहा। जिसके तहत स्वास्थ्य सेवाओं का विकास और विस्तार किया गया। राज्य में आइपीएचएस मानकों के अनुसार आवश्यक मानव संसाधन की उपलब्धता आज भी पूर्ण नहीं हो पाई है, लेकिन मातृ मृत्यु दर में 112 अंकों की गिरावट दिखी है। इसमें 56 प्रतिशत की कमी आई है। 

डॉ. मार्तोलिया ने बताया कि एसआरएस नवंबर-2019 की रिपोर्ट के अनुसार अब राज्य का मातृ मृत्यु अनुपात 201 प्रति लाख जीवित जन्म से घटकर 89 प्रति लाख जीवित जन्म हो गया है। इस प्रकार उत्तराखंड राज्य ने देश के 19 बड़े राज्यों की सूची में 08 वां स्थान हासिल किया है। जबकि पूर्व में उत्तराखंड 15वें स्थान पर था।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जन्म लेने वाले शिशुओं को मिलेगी आधुनिक उपचार सुविधा

डॉ. मर्तोलिया के अनुसार राज्य सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार वर्ष 2020 तक मातृ मृत्यु अनुपात को 100 और वर्ष 2024 तक 90 के स्तर पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूर्व प्राप्त करना स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक अच्छी खबर है। इससे पूर्व भी उत्तराखंड को मातृ मृत्यु अनुपात में 84 अंकों की गिरावट के लिए भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में शिशु मृत्यु दर में छह अंकों की गिरावट, पढ़िए पूरी खबर

chat bot
आपका साथी