25 साल बाद शाही स्नान के लिए हनोल पहुंचे मासू महाराज, यह है मान्यता

25 साल बाद शाही स्नान के लिए हिमाचल से मासू महाराज हनोल पहुंचे। इस दौरान चार सौ पदयात्री भी देव पालकी के साथ हनोल पहुंचे।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Thu, 21 Jun 2018 07:51 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jun 2018 10:11 PM (IST)
25 साल बाद शाही स्नान के लिए हनोल पहुंचे मासू महाराज, यह है मान्यता
25 साल बाद शाही स्नान के लिए हनोल पहुंचे मासू महाराज, यह है मान्यता

त्यूणी, देहरादून[जेएनएन]: चार सौ पद्यात्रियों के साथ हिमाचल के रोहडू क्षेत्र से मासू महाराज की देव पालकी शाही स्नान के लिए हनोल मंदिर पहुंची। 25 साल के लंबे इंतजार बाद हिमाचल के मासू महाराज जौनसार-बावर के सिद्धपीठ श्री महासू देवता से मिलने हनोल मंदिर पहुंचे। इस देव मिलन के पल को यादगार बनाने के लिए स्थानीय लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने देवता के दर्शन कर मन्नत मांगी। 

हिमाचल के रोहडू तहसील अंतर्गत ग्राम असतानी-सैंज में मासू महाराज का मंदिर है। मासू महाराज की सोने से बनी देव पालकी को पच्चीस साल में एक बार शाही स्नान के लिए जौनसार-बावर के सिद्धपीठ श्री महासू देवता मंदिर हनोल लाने की परंपरा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरुवार को हिमाचल के रोहडू क्षेत्र से मासू महाराज की देव पालकी चार सौ पद्यात्रियों के जत्थे के साथ हनोल मंदिर पहुंची। 

ढ़ाई दशक बाद शाही स्नान को हनोल मंदिर पहुंचे मासू महाराज का स्थानीय जनता, मंदिर समिति व कार सेवकों ने गाजे-बाजे के साथ परपंरागत तरीके से स्वागत किया। तीन दिन की पैदल यात्रा कर हनोल मंदिर पहुंची मासू महाराज की देवपालकी के दर्शन को सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान दूर दराज से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने देवता के दर्शन कर देव पालकी को कंधा लगाया। 

लोगों ने सिद्धपीठ महासू मंदिर हनोल व हिमाचल के मासू महाराज के दर्शन कर अपने घर परिवार और क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। शाही स्नान के लिए दो दिन के प्रवास को हनोल मंदिर पहुंची मासू महाराज की देव पालकी गुरुवार व शुक्रवार को रात्रि जागरण के बाद शनिवार सुबह मूल मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। 

इस मौके पर बजीर दीवान सिंह राणा, ग्राम प्रधान शीतल राजगुरु, केहर सिंह, जगमोहन राणा, राजगुरु पूरणनाथ, देवमाली जयलाल, करतार सिंह, दौलतराम, जीवनाथ, विनय कुमार, अशोक कुमार, हीरा सिंह, विक्रम सिंह, जयकिशन, मोहनलाल आदि मौजूद रहे।

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