पर्यावरण संरक्षण को बनाएं दिनचर्या का हिस्सा, सुधरेंगे हालात
हेस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ अनिल जोशी का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के विषय को लोगों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
देहरादून, जेएनएन। पर्यावरण को लेकर आज पूरी दुनिया चिंता जता रही है। वैज्ञानिक लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि यदि अब भी नहीं संभले तो भविष्य में होने वाले नुकसान के लिए इंसान को तैयार रहना पड़ेगा। ऐसे में इस मुद्दे पर शुक्रवार को विश्वभर में छात्रों ने प्रदर्शन किया। जिसे नाम दिया गया फ्राइडे फॉर फ्यूचर मूवमेंट। देश के प्रतिष्ठित दून स्कूल में भी इस अवसर पर धरना-प्रदर्शन हुआ। जिसमें शहरभर के स्कूली छात्रों ने हिस्सा लिया।
हेस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने शहरीकरण के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव पर बात की। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपनी सुविधाओं के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ कर रहा है। देश आज पर्यावरण के बजाए अर्थव्यवस्था पर बात कर रहे हैं। यह भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। पर एक अच्छा पहलू यह भी है कि धीरे-धीरे ही सही लोग इस विषय पर चेत रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के विषय को लोगों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। स्कूल के हेडमास्टर मैथ्यू रग्गेट ने जलवायु परिवर्तन की भयावह तस्वीर भावी पीढ़ी के सामने रखी। उन्होंने बताया कि किस तरह इसका असर कम किया जा सकता है। दून स्कूल ओल्ड ब्वॉयज सोसाइटी के अध्यक्ष राहुल कोहली ने भावी पीढ़ी से आह्वान किया कि वह पर्यावरण संरक्षण को आगे आएं। स्कूल कैप्टन नंदिल शर्मा ने युवाओं को उनकी शक्ति का अहसास कराते कहा कि वह एक परिवर्तन ला सकते हैं।
भव्य राजगढ़िया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान कमल आहूजा, स्तुति, देवाशीष चक्रवर्ती, पीयूष मालवीय आदि उपस्थित रहे। कैम्ब्रियन हॉल, वेल्हम ब्वॉयज, होपटाउन गल्र्स, यूनिसन वल्र्ड व ज्ञानोदय मेरठ ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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