जानिए अब किस स्तर से मिलेगा होम्योपैथिक औषधियों के निर्माण को लेकर लाइसेंस, पहले कहां से होते थे जारी

उत्तराखंड में होम्योपैथिक औषधियों के निर्माण संबंधी लाइसेंस अब होम्योपैथिक निदेशालय स्तर पर दिया जाएगा। बता दें कि उत्तराखंड में होम्योपैथिक औषधि निर्माण और विक्रय के लाइसेंस भी स्वास्थ विभाग के औषधि नियंत्रक के स्तर पर जारी होते थे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 31 Dec 2021 11:08 AM (IST) Updated:Fri, 31 Dec 2021 11:08 AM (IST)
जानिए अब किस स्तर से मिलेगा होम्योपैथिक औषधियों के निर्माण को लेकर लाइसेंस, पहले कहां से होते थे जारी
जानिए अब किस स्तर से मिलेगा होम्योपैथिक औषधियों के निर्माण को लेकर लाइसेंस।

जागरण संवाददाता, देहरादून।  होम्योपैथिक औषधियों के निर्माण संबंधी लाइसेंस अब होम्योपैथिक निदेशालय स्तर पर दिया जाएगा। शासन ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

बता दें, प्रदेश में होम्योपैथिक औषधि निर्माण व विक्रय के लाइसेंस भी स्वास्थ्य विभाग के औषधि नियंत्रक के स्तर पर जारी होते हैं। इस पर होम्योपैथिक विभाग की ओर से लगातार आपत्ति की जाती रही। विभाग का यह तर्क था कि यह दोनों अलग विधाएं हैं। ऐसे में एलोपैथी के अधिकारी होम्योपैथी का कार्य कैसे कर सकते हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग से लंबे समय तक पत्राचार भी किया गया। तब जाकर होम्योपैथिक विभाग को लाइसेंस जारी करने का अधिकार मिला। पर इसमें एक कमी तब भी रह गई। पूर्व के आदेश के तहत होम्योपैथिक निदेशालय को केवल दवा विक्रय का ही लाइसेंस देने का अधिकार मिला। औषधि निर्माण इकाइयों को लाइसेंस पहले की तरह स्वास्थ्य विभाग ही जारी कर रहा था। पर अब शासन ने संशोधित आदेश जारी कर दिया है। जिसके बाद होम्योपैथिक ड्रग फैक्ट्री व कंपनियों को भी लाइसेंस होम्योपैथिक निदेशालय ही देगा।

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नई पेंशन के विरोध में आज मनाएंगे काला दिवस

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश के सैकड़ों कार्मिक आज काला दिवस मनाएंगे। एक जनवरी 2004 को देश में पुरानी पेंशन की व्यवस्था को समाप्त कर नई पेंशन योजना लागू कर दी गई थी। इसके विरोध में कार्मिक लगातार संघर्ष कर रहे हैं। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि नई पेंशन योजना (एनपीएस) से जुड़े देश के लाखों कार्मिकों के लिए एक जनवरी काला दिवस के रूप में तब तक रहेगा, जब तक पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं होती। एनपीएस कार्मिकों के हित में न होकर बुढ़ापे में उनके लिए कष्टकारी है। विरोध स्वरूप आज देश के सभी एनपीएस कार्मिक अपने कार्यालय, विद्यालय, कालेज में एनपीएस का विरोध करते हुए काली पट्टी बांधकर आवाज बुलंद करेंगे।

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