उत्तराखंड में प्रतिभाओं की तलाश को खेल महाकुंभ जल्द

प्रदेश के गांव-गांव से खेल प्रतिभाओं को तलाशने के लिए सरकार अब खेल महाकुंभ का आयोजन करने की तैयारी कर रही है। इसका आयोजन खेल, युवा कल्याण व शिक्षा विभाग मिलकर कराएंगे।

By BhanuEdited By: Publish:Tue, 27 Jun 2017 09:58 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jun 2017 08:32 PM (IST)
उत्तराखंड में प्रतिभाओं की तलाश को खेल महाकुंभ जल्द
उत्तराखंड में प्रतिभाओं की तलाश को खेल महाकुंभ जल्द

देहरादून, [विकास गुसाईं]: प्रदेश के गांव-गांव से खेल प्रतिभाओं को तलाशने के लिए सरकार अब खेल महाकुंभ का आयोजन करने की तैयारी कर रही है। इसका आयोजन खेल, युवा कल्याण व शिक्षा विभाग मिलकर कराएंगे। इसके तहत न्याय पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इनके विजेताओं को प्रदेश में वर्ष 2018 में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का मौका भी दिया जा सकता है।  

प्रदेश में अभी समय-समय पर खेल विभाग, युवा कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग की ओर से खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। युवा कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित इन प्रतियोगिताओं में जीतने वाले बहुत ही कम खिलाड़ी आगे प्रदेश स्तरीय अथवा राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शिरकत करते हैं। 

इसके अलावा इन अलग-अलग प्रतियोगिताओं में जो खर्च होता है सो अलग। इसे देखते हुए इस बार सरकार ने प्रदेश में खेल महाकुंभ कराने की योजना बनाई है। इसके तहत खेलों को बढ़ावा देने वाले विभाग मिलकर इन प्रतियोगिताओं को कराएंगे। 

इसके तहत एथलेटिक्स की तमाम प्रतियोगिताएं मसलन, दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद, वॉलीबाल, फुटबाल, तैराकी आदि की प्रतियोगिताएं होंगी। दरअसल, सरकार ने यह कांसेप्ट गुजरात से लिया है। कुछ समय पहले खेल विभाग के अधिकारी गुजरात का दौरा करने गए थे। वहां खेल की एकीकृत प्रणाली उन्हें काफी पसंद आई। 

उन्होंने इसकी चर्चा खेल मंत्री अरविंद पांडे से की। जिन्होंने इस पर प्रस्ताव बनाकर तैयारी करने को कहा। विभाग की ओर से बनाए गए प्रस्ताव के तहत यह खेल पहले न्याय पंचायत स्तर पर कराए जाएंगे।

न्याय पंचायत पर विजेता खिलाड़ियों की प्रतियोगिता ब्लॉक स्तर पर, ब्लॉक स्तर पर विजेताओं को जिला स्तर पर और जिला स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को प्रदेश स्तर पर शिरकत करने का मौका दिया जाएगा। यह प्रस्ताव अब वित्त के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। 

खेल मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि प्रदेश में खेल प्रतिभाएं तो हैं लेकिन उन्हें सही मंच नहीं मिल पाता है। इन प्रतियोगिताओं के जरिए गरीब युवा भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में आने वाले खर्च को सीएसआर के तहत वहन किया जाएगा।

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