150 साल पुराने घर में बूंदें सहेजकर जया संवार रहीं बगिया

57 वर्षीय जया सिंह ने सबके लिए एक मिसाल पेश की है। वे बारिश के पानी का संचयन कर बाथरूमों की फ्लशिंग लॉन व फुलवारी में इस्तेमाल कर रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 08 Jul 2018 03:41 PM (IST) Updated:Mon, 09 Jul 2018 05:03 PM (IST)
150 साल पुराने घर में बूंदें सहेजकर जया संवार रहीं बगिया
150 साल पुराने घर में बूंदें सहेजकर जया संवार रहीं बगिया

देहरादून, [जेएनएन]: प्राकृतिक संसाधनों का दोहन तो सभी करते हैं, मगर संरक्षण की बात आती है तो गिनती के लोग ही आगे आते हैं। फिर भी समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो भीड़ से हटकर कुछ ऐसा काम भी करते हैं, जो सभी के लिए प्रेरणा बन जाता है। दून की पटेल रोड निवासी 57 वर्षीय जया सिंह भी ऐसा ही नाम हैं। जया ने एक वर्ष पहले अपने घर पर 53 हजार लीटर क्षमता का रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया, जिसका उपयोग वह अपने घर के बाथरूमों की फ्लशिंग में कर रही हैं और लॉन व फुलवारी को भी इससे संरक्षित करने का काम किया जा रहा है। 

जया बताती हैं कि उनका घर करीब 150 साल पुराना है। इसके एक भाग में काफी पुरानी कुटिया थी, जो जर्जर हो चुकी थी। उनकेपति अशोक सिंह और उन्होंने इस भाग पर एक लॉन बनाने पर विचार शुरू किया, मगर वह चाहती थीं कि लॉन और उसके आस-पास लगी फुलवारी को सींचने के लिए वर्षा-जल का उपयोग किया जाए। ताकि पानी की अनावश्यक बर्बादी भी रुक सके। यहीं से उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाने की शुरुआत की। 

इसके लिए उन्होंने करीब साढ़े आठ लाख की लागत से क्रंकीट का भूमिगत टैंक बनवाया। यह दो चैंबर में बंटा है, जिसकी लंबाई 18, चौड़ाई 13.5 और गहराई आठ फीट है। इसमें उनके घर के एक हिस्से की छत का पानी पाइप के जरिए सिल्ट टैंक में आता है। इसमें छोटे पत्थर और रेत के माध्यम से वर्षा का पानी फिल्टर होकर टैंक में जाता है। पिछले बरसाती सीजन के एक हफ्ते में ही टैंक फुल हो गया था। जब तक यह पानी खत्म होता, उससे पहले दोबारा की बारिश में टैंक फिर भर जाता और तब से जल संचय का यही सिलसिला बना है। 

उनके इस कार्य की हर तरफ सराहना की जाती है और कई लोग इससे प्रेरणा लेकर अपने घर पर भी वर्षा जल संचय की तैयारी कर रहे हैं। जया के पति अशोक सिंह दूधली गांव में फार्मिंग का काम करते हैं और अब वह भी अपने फार्म हाउस में लगे ट्यूबवेल को वर्षा जल के जरिए रीचार्ज करने का काम शुरू करने जा रहे हैं। 

अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी जरूर निभाएं 

जया पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रही संस्था सिटीजंस फॉर ग्रीन दून की सदस्य भी हैं। उनका कहना है कि सभी को प्रकृति के प्रति अपनी-अपनी जिम्मेदारी जरूर निभानी चाहिए। सभी को अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की पहल करनी चाहिए, जिससे भूजल का दोहन कम से कम हो सके।

टैंकर की जरूरत नहीं पड़ी 

जया ने बताया कि क्षेत्र में पानी की किल्लत होने पर उन्हें हर वर्ष पानी का टैंकर मंगवाने की जरूरत पड़ती थी। जब से वर्षा जल का संचय शुरू किया, तब से अब तक टैंकर मंगाने की जरूरत नहीं पड़ी। 

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