छात्रवृत्ति घोटाले में प्रेमनगर के मुकदमे पर ठिठके कदम, ये है पूरा मामला

छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर प्रेमनगर थाने में दर्ज मुकदमे पर एसआइटी के कदम ठिठक गए हैं। सवा दो माह बाद भी एसआइटी सत्यापन से आगे नहीं बढ़ी है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 04:08 PM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 04:08 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले में प्रेमनगर के मुकदमे पर ठिठके कदम, ये है पूरा मामला
छात्रवृत्ति घोटाले में प्रेमनगर के मुकदमे पर ठिठके कदम, ये है पूरा मामला

देहरादून, जेएनएन। दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर प्रेमनगर थाने में दर्ज मुकदमे पर एसआइटी के कदम ठिठक गए हैं। सवा दो माह बाद भी एसआइटी सत्यापन से आगे नहीं बढ़ी है। ऐसे में दून के करीब बड़े संस्थानों पर कार्रवाई में देरी पर सवाल उठने लगे हैं। खासकर एक-एक संस्थान के नाम 20 करोड़ से ज्यादा की छात्रवृत्ति जारी होने के भी प्रमाण मिल चुके हैं। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर पुलिस की एसआइटी 2012 से 2017 के बीच बांटी गई दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। इस मामले में करोड़ों रुपये फर्जी तरीके से बांटने के प्रमाण एसआइटी को मिले हैं। हरिद्वार में पांच संस्थानों के खिलाफ एसआइटी कार्रवाई कर चुकी है। इसमें कॉलेज के संचालक जेल भेजे गए हैं। मगर, देहरादून में डोईवाला के बाद प्रेमनगर थाने में भी पांच फरवरी को अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। लेकिन, सवा दो माह बाद भी एसआइटी की जांच आगे नहीं बढ़ी है। 

सूत्रों का कहना है कि एसआइटी ने प्रेमनगर क्षेत्र के छह बड़े कॉलेजों से छात्रवृत्ति का पूरा विवरण मांग लिया था। इसके अलावा बैंकों से भी मिलान किया गया। इसके बावजूद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई। सूत्रों का कहना है कि प्रेमनगर क्षेत्र में एक-एक संस्थान के नाम 20 करोड़ से ज्यादा की छात्रवृत्ति बांटी गई है। 

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