जनजागरण से ही मिल सकती है नशे से मुक्ति

कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का कहना है कि नशे का संपूर्ण उन्मूलन केवल जनजागरण से ही संभव है। इसमें सभी को पूरी शिद्दत से आगे आना होगा।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 17 Feb 2019 04:15 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2019 04:15 PM (IST)
जनजागरण से ही मिल सकती है नशे से मुक्ति
जनजागरण से ही मिल सकती है नशे से मुक्ति

देहरादून, राज्य ब्यूरो। देश में अनेक बार नशाबंदी के प्रयोग हुए हैं, मगर ये सफल नहीं हो पाए। नशे का संपूर्ण उन्मूलन केवल जनजागरण से ही संभव है। यह कहना है प्रदेश के वित्त एवं आबकारी मंत्री प्रकाश पंत का। उन्होंने कहा कि यदि समाज के सभी प्रबुद्ध लोग और संस्थाएं सहयोग करेंगे तो नशे से मुक्ति पाई जा सकती है। इसमें सभी को पूरी शिद्दत से आगे आना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध शराब की तस्करी और निर्माण पर अंकुश लगाने को सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। 

प्रभावी कार्रवाई के निर्देश 

प्रदेश में ड्रग माफिया के बढ़ते नेटवर्क को लेकर पूछे गए सवाल पर आबकारी मंत्री ने कहा कि पुलिस लगातार इस विषय पर प्रयास करती है। वह न केवल अपने इनफोर्समेंट के तहत, बल्कि अपनी सूचनाओं के आधार पर भी कार्रवाई करती है। इसके अलावा ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के मद्देनजर सभी ड्रग कंट्रोलरों व इंस्पेक्टरों को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 

प्रतिबंधित दवाएं रखी तो खैर नहीं 

विभिन्न राज्यों के साथ ही पड़ोसी देश से भी ड्रग सप्लाई यहां हो रही है, मगर राज्य की सीमा पर माफिया गिरफ्त में नहीं आ पाते। इस प्रश्न के जवाब में पंत ने कहा कि जीएसटी आने के बाद सारे देश के अंदर बैरियर टूट गए, लेकिन ड्रग एंड कॉस्मैटिक एक्ट के तहत जो प्रतिबंधित दवाएं हैं, यदि उन्हें कोई दवा व्यवसायी रखता है तो गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। इस प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी। 

स्कूल-कालेजों को लेकर गंभीर 

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों व हॉस्टलों के बाहर ड्रग डिलीवरी न होने पाए, इसके लिए हर स्तर पर गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। नशा कारोबारियों पर लगाम कसने को ठोस कार्ययोजना के तहत कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा जनजागरूकता अभियान के साथ ही मैराथन, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता भी विद्यालयों में की जा रही हैं। विभिन्न संस्थाओं का सहयोग भी जनजागरण में लिया जा रहा है। पुलिस प्रशासन और समाज कल्याण विभाग भी इस दिशा में कार्य कर रहा है। 

अमल में लाएंगे त्वरित कार्रवाई 

वित्त मंत्री पंत ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के पांच सौ मीटर के दायरे में बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू उत्पाद बेचने पर प्रतिबंध है। इस नियम का कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा। यदि कहीं ऐसा नजर आया तो त्वरित गति से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

हुक्का बारों पर निगरानी 

आबकारी मंत्री के अनुसार जहां तक हुक्का बारों का प्रश्न है तो सभी पर निगरानी रखी गई है। हुक्का बार का कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जा रहा है। 

करियर और भविष्य चुनें, नशा नहीं 

नशा किसी भी रूप में नुकसानदेह है। सेहत तो जाती ही है, करियर भी दांव पर लग जाता है। परिवार को आर्थिक और सामाजिक दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं, जो काफी पीड़ा देने वाली होती हैं। ऐसे में करियर और भविष्य चुनें, नशा नहीं। 

यातायात निदेशक केवल खुराना दैनिक जागरण के अभियान डायल अगेंस्ट ड्रग के तहत एमकेपी पीजी कॉलेज में आयोजित जागरूकता गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि वह यूपी के छोटे से जिले बदायूं के रहने वाले हैं। शुरूआती पढ़ाई पूरी कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली गए तो वहां कई ऐसे लड़के मिले, जिनका कहना था कि थोड़ा नशा करने से दिमाग पढ़ाई पर केंद्रित होता है। पर वह इसके लिए तैयार नहीं हुए।

बाद के दिनों में वह आईपीएस बन गए, जबकि नशा करने वाले दोस्त कुछ नहीं बन सके। उनमें से दो ने तो सुसाइड भी कर लिया। कहा कि अक्सर दोस्त यह कहते हैं एक बार नशा करने से लत नहीं लगती। यह सच नहीं, एक बार किया गया नशा कब लत बन जाता है, पता नहीं चलता। नशे के दुष्प्रभाव पर देहरादून के एसएसपी रहते एक अनुभव को साझा करते हुए बताया कि एक रोज उनके आफिस में एक महिला आईं।

बताया कि उनका बेटा नशा करता है। पैसे के लिए उन्हें मारता-पीटता है, उसे जेल में बंद कर दें। बेटे को किसी तरह पकड़कर बंद किया गया। कुछ दिन बाद मां की ममता भारी पड़ी और दोबारा से वह ऑफिस में आई और बोला कि बेटे को छोड़ दें। कहने का अर्थ यह कि नशा खुद की सेहत को बर्बाद करने के साथ ही परिवार को समाज में किरकिरी सहनी पड़ती है। नशा चुनने के बजाय करियर को ऊंचाई पर ले जाने की ओर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि लड़कियां इच्छाशक्ति के मामले में लड़कों से ज्यादा मजबूत होती हैं। मगर हाल के वर्षों में नशे ने हर वर्ग को अपनी चपेट में लिया है। इस पर अभी सजग होने की आवश्यकता है। 

कॉलेज की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी एनएसएस डॉ.ममता सिंह ने गोष्ठी का संचालन किया। प्राचार्य डॉ.सुनीता कुमार ने यातायात निदेशक केवल खुराना को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनकी बताई बातें प्रेरणा देने वाली हैं। इस मौके पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रेनू सिंह, पुनीत सैनी, डॉ.अलका मोहन, डॉ.तुष्टि मैठाणी, डॉ.शालिनी उनियाल, डॉ.आरती सिसौदिया व अन्य मौजूद रहे। 

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