नेता प्रतिपक्ष बोली, राज्य स्थापना पर दलगत राजनीति हावी

नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने राज्य स्थापना दिवस पर सरकार के कार्यक्रमों में दलगत राजनीति का आरोप लगाया। कहा कि पार्टी अगला मार्च रोजगार के मुद्दे को लेकर निकालेगी।

By BhanuEdited By: Publish:Fri, 10 Nov 2017 09:54 AM (IST) Updated:Fri, 10 Nov 2017 10:25 PM (IST)
नेता प्रतिपक्ष बोली, राज्य स्थापना पर दलगत राजनीति हावी
नेता प्रतिपक्ष बोली, राज्य स्थापना पर दलगत राजनीति हावी

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य स्थापना दिवस के मौके पर भाजपा सरकार की पहल 'रैबार' कांग्रेस को नागवार गुजरा है। उत्तराखंड मूल के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय आला अफसरों के साथ सरकार की ओर से किए गए मंथन में विपक्ष की उपेक्षा पर रोष जताते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में दलगत राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी अगला मार्च रोजगार के मुद्दे को लेकर निकालेगी। 

अपने आवास पर पत्रकारों से मुखातिब नेता प्रतिपक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री डॉ इंदिरा हृदयेश कहा कि राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रमों को दल विशेष या सिर्फ सरकार तक सीमित नहीं रखना चाहिए। 'रैबार' में उत्तराखंड मूल के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ चर्चा हुई। इसमें विपक्ष के सुझाव शामिल किए जाते तो यह चर्चा सार्थक होती। 

उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन हों या सेनाध्यक्ष, इन सभी के साथ राज्य से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करने का मौका कांग्रेस को दिया जाना चाहिए था। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के साथ देहरादून-काठगोदाम के लिए मात्र एक ट्रेन के साथ अन्य ट्रेन संचालित करने और उक्त ट्रेन में कंबल-चादर साफ-सुथरे नहीं मिलने की दिक्कतें हैं। हालांकि, इस संबंध में वह बोर्ड चेयरमैन को चिट्ठी लिख चुकी हैं और अब रेल मंत्री को चिट्ठी लिखेंगी। 

नेता प्रतिपक्ष ने यह स्वीकार किया कि राज्य बने हुए 17 साल गुजरने और दोनों ही दलों कांग्रेस व भाजपा की सरकारें होने के बावजूद जन आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य नहीं बन पाया है। स्वास्थ्य और शिक्षा के हाल बदहाल हैं। सेना राज्य के दो मेडिकल कॉलेजों को अपने हाथ में लेने के फैसले से पीछे हट चुकी है। दूरदराज में चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो पा रही है। मुख्यमंत्री की ओर से किसानों को सस्ता ऋण मुहैया कराए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वायदों की पोल खुल चुकी है, अब मुख्यमंत्री को भी ऐसी घोषणाओं से बचना चाहिए। 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार का कर्ज लेना अपराध नहीं है, लेकिन कर्ज का सदुपयोग होना चाहिए, साथ ही इसे समय पर चुकता किया जाना चाहिए। 

नोटबंदी और जीएसटी को लेकर नेता प्रतिपक्ष केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी लागू किए जाने के फैसले के एक साल बाद भाजपा को जश्न नहीं मनाना चाहिए था। नोटबंदी से लोग परेशान रहे, कुछ को जान से हाथ भी धोना पड़ा। लिहाजा इसमें जश्न मनाना जनता का अपमान है।

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