सहयोग से समाधान: उत्तर भारत में 'आनंदम' ने बनाई मिठाई कारोबार में अलग पहचान

कोरोना संक्रमण काल के बाद कारोबार को फिर से बुलंदी पर लेकर जाने वाला आनंदम की सफलता के पीछे ग्राहकों का अटूट विश्वास है। आनंदम ने ग्राहकों की सेवा को सर्वोपरि माना। इन्हीं मूल्यों को आगे बढ़ाते हुए आज चौथी पीढ़ी आनंदम ब्रांड की गवाह है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 12:30 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 12:30 AM (IST)
सहयोग से समाधान: उत्तर भारत में 'आनंदम' ने बनाई मिठाई कारोबार में अलग पहचान
उत्तर भारत में 'आनंदम' ने बनाई मिठाई कारोबार में अलग पहचान।

देहरादून, अशोक केडियाल। कोरोना संक्रमण काल के बाद कारोबार को फिर से बुलंदी पर लेकर जाने वाला 'आनंदम' की सफलता के पीछे ग्राहकों का अटूट विश्वास है। उत्तराखंड ही नहीं समूचे उत्तर भारत में उत्कृष्ट मिठाइयां और नमकीन के प्रसिद्ध 'आनंदम' मिठाई उद्योग की सफलता और विश्वसनीयता का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. शंकर दयाल शर्मा और प्रधानमंत्री राजीव गांधी जब भी प्रसिद्ध दून स्कूल में आते थे तो वह 'आनंदम' की मिठाई का स्वाद लेना नहीं भूलते थे। 'आनंदम' के प्रमुख आनंद स्वरूप गुप्ता कहते हैं कि देहरादून में 1901 में उनके परिवार ने मिठाइयों का छोटा कारोबार शुरू किया था। उनके पिता स्वतंत्रता सैनानी लाला प्रह्लाद स्वरूप गुप्ता ने मिठाई कारोबार को अपना आदर्श बनाया। ग्राहकों की सेवा को सर्वोपरि माना। इन्हीं मूल्यों को आगे बढ़ाते हुए आज चौथी पीढ़ी 'आनंदम' ब्रांड की गवाह है।

'आनंदम' को आधुनिकता से जोड़ा 

'आनंदम' को आधुनिकता से जोड़ते हुए आनंद स्वरूप गुप्ता के पुत्र और 'आनंदम' के कार्यकारी प्रमुख सुमित खंडेलवाल ने देश के प्रसिद्ध दून स्कूल से शिक्षा ग्रहण की और अपने हुनर को पैतृक कारोबार में दिखाया। उन्होंने अपनी मिठाई के कारोबार को 'आनंदम' नाम दिया। यह कुछ वर्षों में ही उत्कृष्ट ब्रांड बन गया। उन्होंने वर्ष 2009 में पहला 'आनंदम' आउटलेट राजपुर रोड पर खोला। इसके बाद दूसरी आउटलेट वर्ष 2015 में चकराता रोड पर में शुरू किया। 'आनंदम' के ग्राहकों की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी होती गई, जिसके बाद 'आनंदम' का तीसरा आउटलेड मसूरी रोड पर डीआइटी विवि के समीप खाला गया। अब चौथे 'आनंदम' आउटलेट पटेलनगर में 'आनंदम' मिठाई फैक्ट्री के साथ इसी सप्ताह शुरू हुआ है।    

 

समाधान 1: लॉकडाउन में मिठाई का कारोबार रहा बंद 

'आनंदम' के प्रमुख आनंद स्वरूप गुप्ता कहते हैं कि कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में मिठाई का कारोबार बंद रहा। अनलॉक में फिर से कारोबार शुरू किया। इस दौरान हाइजीन का विशेष ध्यान रखा गया। 

                   (आनंदम कंपनी के कार्यकारी प्रमुख सुमित खंडेलवाल) 

समाधान 2: सभी कर्मचारियों का करवाया गया कोरोना टेस्ट 

कंपनी के सभी कर्मचारियों का कारोना टेस्ट करवाया गया। प्रतिदिन 'आनंदम' के सभी आउटलेट सुबह और शाम को सैनिटाइज होते हैं। मिठाइयों के बनाने में आरो का पानी प्रयोग होता है। मिठाई तैयार करने वाले सभी कर्मचारियों को महीने में दो बार चिकित्सा शिविर के माध्यम से जागरूक किया जाता है। 

समाधान 3: ग्राहक खुद देख सकते हैं खाने-पीने की शुद्धता  

पटेलनगर में आनंदम का लाइव किचन बनाया गया है, जिससे कोई भी ग्राहक तैयार खाने-पीने की वस्तुओं की शुद्धता और ताजा तैयार खाना को खुद देख सकता है। 

समाधान 4:  आज भी कायम है ग्राहकों का विश्वास 

'आनंदम' के कार्यकारी प्रमुख सुमित खंडेलवाल कहते हैं कि कोरोना काल से पहले जो ग्राहक आनंदम से जुड़े थे उनका विश्वास आज भी कायम है। आगे आने वाले दीपावली के त्यौहार के लिए विशेष मिठाइयों और नमकीन को तैयार किया जा रहा है। 

 

समाधान 5: गरीबों की मदद को रहे आगे 

'आनंदम' के प्रमुख आनंद स्वरूप गुप्ता कहते है कि कोरोना वायरस संक्रमण काम में 'आनंदम' ने गरीबों की पूरी मदद की।

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सहयोग से समाधान

'आनंदम' के प्रमुख आनंद स्वरूप गुप्ता कहते हैं कि व्यापारी वही सफल होता है, जो अपने ग्राहकों के प्रति ईमानदार, उनके विश्वास को बनाए रखे, लगन से काम करे और अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे। आनंदम इन्हीं मूलमंत्रों को लेकर आगे बढ़ रहा है।

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