Igas Celebration: राज्यपाल गुरमीत सिंह बोले, उत्तराखंड के त्योहार और परंपराओं की अलग ही सुंगंध

उत्तराखंड की संस्कृति के विभिन्न रंग झलके। इस दौरान लोग ढोल दमाऊ की थाप पर थिरक उठे। साथ ही उन्होंने भैलो नृत्य भी किया। देर रात तक चले कार्यक्रम में पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाणलोक गायक मंगलेश डंगवाल ने लोग को झूमने पर मजबूर कर दिया।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 15 Nov 2021 10:53 AM (IST) Updated:Mon, 15 Nov 2021 10:53 AM (IST)
Igas Celebration: राज्यपाल गुरमीत सिंह बोले, उत्तराखंड के त्योहार और परंपराओं की अलग ही सुंगंध
राज्यपाल गुरमीत सिंह बोले, उत्तराखंड के त्योहार और परंपराओं की अलग ही सुंगंध।

जागरण संवाददाता, देहरादून। इगास पर्व पर रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड की संस्कृति के विभिन्न रंग झलके। इस दौरान लोग ढोल दमाऊ की थाप पर थिरक उठे। साथ ही उन्होंने भैलो नृत्य भी किया। देर रात तक चले कार्यक्रम में पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण,लोक गायक मंगलेश डंगवाल, गायिका संगीता ढौंडियाल और रेखा धस्माना ने लोग को झूमने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ। मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी और रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी इगास की शुभकामनाएं दीं। जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने ढोल बजाकर इगास जागर की सुंदर प्रस्तुति दी। पारंपरिक परिधानों में सज धजकर आई महिलाओं ने राज्यपाल का स्वागत किया।

अतिथियों ने इगास की पूजा की। इस दौरान शहीद सैनिकों की वीर नारियों और उनकी माताओं को सम्मानित भी किया गया। इस दौरान राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, राजपुर विधायक खजान दास, ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाईं, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल, मनवीर चौहान समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

परम्पराओं को अगली पीढ़ी तक ले जाना महत्वपूर्ण

राज्यपाल गुरुमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के त्योहार और परम्पराओं की एक अलग ही सुंगंध है। आज दुनियाभर के पर्यटक इसे देखने लिए तरसते रहते हैं। उन्होंने उत्तराखंड के अनिवासी लोग से अपील की कि वे लोकपर्व अपने गांवों में मनाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा अपनी जड़ों से साथ जुडऩा बहुत आवश्यक है। हमें अपनी परम्पराओं, रीति रिवाजों, संस्कृति को जानना और समझना होगा। उनका सम्मान करना होगा।

अपनी परम्पराओं और संस्कृति का संरक्षण और अगली पीढ़ी को सौंपना भी बड़ा महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि राज्य की नई पीढ़ी रिवर्स माइगेशन के लिए कार्य करेगी। नवाचार, तकनीक व डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्वरोजगार को बढ़ाने का प्रयास करें।

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