कोरोनेशन अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी प्रकरण की जांच अधर में Dehradun News

कोरोनेशन अस्पताल में पीपीपी मोड पर संचालित नेफ्रो डायलिसिस यूनिट में एकाएक कई मरीजों में हेपेटाइटिस-सी की जांच अब भी अधर में है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 05:09 PM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 05:09 PM (IST)
कोरोनेशन अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी प्रकरण की जांच अधर में Dehradun News
कोरोनेशन अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी प्रकरण की जांच अधर में Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। कोरोनेशन अस्पताल में पीपीपी मोड पर संचालित नेफ्रो डायलिसिस यूनिट में एकाएक कई मरीजों में हेपेटाइटिस-सी की जांच अब भी अधर में है। करीब एक पखवाड़े बाद भी जांच समिति किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। यह अलग बात है कि डायलिसिस यूनिट में टीम को कई और भी खामियां मिली है। उधर, पीपीपी पार्टनर ने भी अपने स्तर पर इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जिसके लिए एक एक्सपर्ट टीम दून पहुंच गयी है।

दरअसल, कोरोनेशन अस्पताल में नेफ्रो डायलिसिस यूनिट का संचालन पीपीपी मोड पर किया जा रहा है। जहां बीपीएल कार्डधारकों के लिए मुफ्त डायलिसिस की सुविधा है। करीब तीन साल से नेफ्रो प्लस कंपनी इसका संचालन कर रही है। वर्तमान समय में यहां प्रतिदिन 50 मरीज डायलिसिस के लिए पहुंचते हैं। पर कभी व्यवस्थागत खामियों और कभी स्वच्छता की अनदेखी के कारण नेफ्रो प्लस कठघरे में रही है।

हाल में अस्पताल के डॉक्टरों के पास अचानक डायलिसिस करा रहे कुछ ऐसे मरीज आने लगे, जिन्हें हेपेटाइटिस-सी था। 29 मरीजों में हेपेटाइटिस-सी पॉजीटिव पाए जाने पर हड़कंप मच गया। इन मरीजों को बाहर से महंगी दवाएं भी लिखी जा रही थी। इनमें कुछ मरीजों की जांच एम्स ऋषिकेश में कराई गयी, तो रिपोर्ट निगेटिव आई। मामला संदिग्ध प्रतीत होने पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने तीन डॉक्टरों की जांच समिति गठित की थी। तब कहा गया कि समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। पर 15 दिन बाद भी कुछ नहीं हुआ। डॉ. रमोला का कहना है कि जांच समिति इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कर रही है।

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इस पूरे प्रकरण की तह में जाने के लिए समिति के सदस्यों ने कुछ और समय मांगा है। बहरहाल इस दौरान डायलिसिस यूनिट में स्टॉफ मानकों के अनुरूप नहीं मिला है। इसके अलावा डॉक्टरों के पर्याप्त समय न देने की भी शिकायतें हैं। उन्होंने बताया कि पीपीपी पार्टनर की तरफ से भी एक एक्सपर्ट टीम हैदराबाद से भेजी गई है। यह लोग भी हेपेटाइटिस-सी के एकसाथ इतने मरीज आने के कारणों की पड़ताल कर रहे हैं। 

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