अगर कोई अधिकारी करता है कामचोरी, तो वीआरएस देकर भेजा जाएगा घर
उत्तराखंड में अब अगर कोई अफसर कामचोरी करता है तो उसे वीआरएस देकर घर भेजा जा सकता है। सीएम रावत ने ये बात कही है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में अब लापरवाह अधिकारियों को सरकार वीआरएस देने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्पष्ट कहा है कि अधिकारी को जो जिम्मेदारी दी जाती है, उसे निभाना चाहिए। अधिकारी यदि कामचोरी करता है तो उसे वीआरएस देकर घर भेजा जा सकता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समीक्षा बैठकों में अधिकारियों की अधूरी तैयारी और काम के प्रति लापरवाही पर लगातार उठ रहे सवालों पर यह स्टैंड लिया है। प्रदेश सरकार इस समय अधिकारियों की कार्यशैली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में काम कर रही है। सरकार प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्य की समीक्षा शुरू कर चुकी है। इस कड़ी में मुख्य सचिव पहले ही विभागीय सचिवों को अधिकारियों-कर्मचारियों के कामकाज के आकलन करने को कह चुके हैं। ऐसे अधिकारियों को चिह्नित किया जा रहा है जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं या जिन अधिकारियों की कार्यशैली अप्रभावी है और जिनका पिछला रिकार्ड इस लिहाज से संतोषजनक नहीं है।
वहीं, इस बीच विभिन्न बैठकों में आधी अधूरी तैयारियों के साथ पहुंच रहे अधिकारी सरकार का पारा चढ़ा रहे हैं। कई दफा निर्देशों के बावजूद काम न करने की बात सामने आ रही है। अब जल्द ही मुख्यमंत्री विभागों की समीक्षा बैठक शुरू कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि बैठकों में अधूरी तैयारी के साथ आना और मोबाइल से खेलना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अधिक काम करने के जिम्मेदारी दी गई है कामचोरी करने के लिए नहीं। कोई भी अधिकारी कामचोरी कर काम से नहीं बच सकता है। सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृति कानून बनाया है। जरूरत पड़ी तो ऐसे अधिकारियों को घर भेजा जा सकता है।