गवर्नर्स अवॉर्ड: राज्यपाल ने बोर्ड परीक्षाओं के 30 टॉपर्स को किया सम्मानित

बोर्ड की परीक्षाओं के 30 टॉपर्स को गवर्नर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। सभी को राज्यपाल ने सम्मानित किया।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 12 Jul 2019 08:25 PM (IST) Updated:Fri, 12 Jul 2019 08:25 PM (IST)
गवर्नर्स अवॉर्ड: राज्यपाल ने बोर्ड परीक्षाओं के 30 टॉपर्स को किया सम्मानित
गवर्नर्स अवॉर्ड: राज्यपाल ने बोर्ड परीक्षाओं के 30 टॉपर्स को किया सम्मानित

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड और संस्कृत शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के 30 टॉपर्स को गवर्नर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसमें उत्तराखंड बोर्ड के हाईस्कूल, इंटर के 24 और संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पूर्व और उत्तर मध्यमा के छह छात्र शामिल हैं। इसके अलावा लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले पौड़ी के दो और बागेश्वर के एक स्कूल को भी गवर्नर्स अवॉर्ड दिया गया। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने यह सम्मान प्रदान किए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ समाज और देश के प्रति भी जागरूक होना जरूरी है। प्राकृतिक संपदा को बनाए रखना भी हमारा कर्तव्य है। कहा कि पुरस्कृत विद्यार्थियों को अपने-अपने क्षेत्रों में पर्यावरण, जल-संरक्षण का ब्रांड एम्बेसडर बनना चाहिए। 

राज्यपाल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को समाज के सफल लोगों से सीख और प्रेरणा लेकर अपनी अलग पहचान बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि दसवीं व बारहवीं की टॉपर बालिकाएं हैं। हमें अपनी बेटियों पर गर्व है और बालिका शिक्षा पर हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि समाज की प्रत्येक बालिका शिक्षित हो गयी तो भविष्य में पूरा समाज शिक्षित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी समृद्ध समाज की आधारशिला में महिलाओं का योगदान होता है। अभिभावकों से कहा कि वे बच्चों में संस्कार रूपी ऐसे बीज रौपें कि वह मीठा गन्ना बनकर समाज में मिठास घोल सकें। 

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों को रचनात्मक व नया सोचने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें जिज्ञासु बनाएं और प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करें। कहा कि उनके भीतर वैज्ञानिक सोच व तकनीकि के प्रति लगाव उत्पन्न किया जाना जरूरी है। विद्यार्थियों का आह्वान करते कहा कि अपने व अपने भाई-बहनों, माता-पिता के जन्मदिन पर एक-एक पेड़ अवश्य लगाएं और आजीवन उसकी देखभाल करें। लोगों को जल संचय और जल संरक्षण के लिए जागरूक करें। अपने गांव, मोहल्ले, स्कूल में स्वच्छता अभियान चलाएं। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को स्कूली जीवन से ही जैविक खेती के बारे में जागरूक किया जाए।

पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखंड में जैविक खेती की अच्छी संभावनाएं हैं। होम स्टे, योग व आयुर्वेद जैसे विषयों को अधिकाधिक  प्रोत्साहित  किया जाए। युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में कॅरियर के लिए कौशल विकास के प्रशिक्षण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस दौरान उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, राज्यपाल के सचिव आरके सुधांशु, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर,निदेशक अकादमिक शोध और प्रशिक्षण सीमा जौनसारी आदि उपस्थित रहे। 

शिक्षकों की कमी पर राज्यपाल चिंतित 

पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी पर राज्यपाल ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा देने के लिए तत्पर रहना चाहिए। कहा कि जहां शिक्षक नहीं हैं, वहां व्यवस्था करना सरकार का दायित्व है। शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देते कहा कि शिक्षकों को लगातार स्वयं को अपडेट रखना चाहिए। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि विद्या भारती के विद्यालय कम संसाधनों में अच्छे परिणाम दे रहे हैं। सवाल किया कि सरकारी स्कूल ऐसा क्यों नहीं कर सकते। 

खुद को कम मत आंकना 

शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने छात्रों में जोश भरते कहा कि वे मन में यह भावना कतई न लाएं कि हम स्टेट बोर्ड से हैं। खुद को आइसीएसई या सीबीएसई के किसी छात्र से कमतर न समझें। कहा कि मैने स्वयं स्टेट बोर्ड से बारहवीं की है। आप अगर इसी आत्मविश्वास, लगन और परिश्रम के साथ आगे बढ़ते रहे तो जीवन में मनचाहा मुकाम मिलेगा। 

इनका हुआ सम्मान 

हाईस्कूल: अनंता सकलानी, अर्पित बड़थ्वाल, सुरभि गहतोड़ी 

संस्कृत शिक्षा बोर्ड: पूर्व मध्यमा में विमल तिवारी, शुभम पांडे, रवि जोशी और उत्तर मध्यमा में अस्मिता, मनीष चंद्र द्विवेदी, प्रियांशु 

सम्मानित स्कूल: जीआइसी, धुमाकोट, पौड़ी, जीआइसी रातिर केटी, बागेश्वर, जीआइसी कोचियर, पौड़ी 

इंटर में 21 को मिला सम्मान

कॉमर्स बालिकाओं में काजल शर्मा, निकिता चौधरी, श्रृंखला चौधरी, अरशी मंसूनी और बालक वर्ग में राधा वल्लभ, मयंक सिंह, मयंक पुंडीर। विज्ञान वर्ग बालिका में शताक्षी तिवाड़ी, शीतल, दक्षता तिवारी और बालक में सक्षम, हरीश सिंह बोरा, आशीष पुंडीर, मानविकी बालिका वर्ग में उन्नति रावत, वैशाली तोमर, आरती, अंकिता पंत और बालक वर्ग में दीक्षित चौहान, विवेक सैनी, दीपक सिंह गढिया, अभिषेक सिंह।

प्रदेश में सुपर-30 की जगह अब सुपर-50

उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए पांच प्राध्यापकों को मिलेगा डॉ. भक्तदर्शन अवार्ड 

आर्थिक तौर पर पिछड़े उत्तराखंड के मेधावी छात्रों के लिए शुरू की गई राज्य सरकार की सुपर-30 योजना अब नए क्लेवर में दिखाई देगी। इसके अलावा उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्राध्यापकों को राज्य सरकार सम्मानित करेगी। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राजभवन में आयोजित सम्मान समारोह में यह जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश में द्वाराहाट, श्रीनगर और देहरादून में सुपर-30 के जरिए बच्चों को इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए निश्शुल्क कोचिंग कराई जा रही है। गत वर्ष कुल 90 बच्चों ने कोचिंग ली। जिनमें 84 ने इंजीनियरिंग की प्रतिष्ठित परीक्षा जेईई में सफलता हासिल की। ऐसे में इस योजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है। गेल इंडिया की मदद से अब प्रदेश में सुपर-50 चलाया जाएगा। यानी कुल 150 छात्र-छात्राओं को कोचिंग दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सिविल सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के इच्छुक छात्रों को भी राज्य सरकार कोचिंग कराएगी। यह उम्मीद जताई कि आने वाले वक्त में सिविल सेवा परीक्षा में उत्तराखंड के सफल छात्रों का प्रतिशत बढ़ेगा। 

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि एनडीए की निश्शुल्क कोचिंग की राज्य सरकार की योजना भी सफल रही है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच प्राध्यापकों को डॉ. भक्तदर्शन अवॉर्ड दिया जाएगा। डॉ. भक्तदर्शन जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल के सदस्य रहे। केंद्रीय शिक्षामंत्री के रूप में उन्होंने केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना करवाई और केंद्रीय विद्यालय संगठन के पहले अध्यक्ष रहे।

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