हरिद्वार में हाथियों के आतंक से उड़ी सरकार की नींद, पढ़िए पूरी खबर

हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के बीच हाथी गुलदार समेत दूसरे वन्यजीवों की शहर में धमक ने शासन से लेकर सरकार तक चिंता में है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 11 Nov 2019 09:17 AM (IST) Updated:Mon, 11 Nov 2019 08:53 PM (IST)
हरिद्वार में हाथियों के आतंक से उड़ी सरकार की नींद, पढ़िए पूरी खबर
हरिद्वार में हाथियों के आतंक से उड़ी सरकार की नींद, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, केदार दत्त। 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के बीच हाथी, गुलदार समेत दूसरे वन्यजीवों की शहर में धमक ने शासन से लेकर सरकार तक की नींद उड़ा दी है। राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हरिद्वार में जंगली जानवरों विशेषकर हाथियों की धमक रोकने को रणनीति बनाने के मसले पर अब शासन सक्रिय हो गया है। इस कड़ी में वन विभाग के अफसरों व भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) के वैज्ञानिकों की अहम बैठक बुलाई गई है। इसमें यह तय किया जाएगा कि हरिद्वार में हाथियों को कैसे आबादी वाले क्षेत्रों में आने से रोका जाए।

राजाजी रिजर्व से लगे हरिद्वार में हाथी, गुलदार समेत दूसरे वन्यजीवों की आबादी वाले इलाकों में निरंतर धमक से रिजर्व प्रशासन के साथ ही वन महकमे के माथे पर बल पड़े हैं। हाल में हरिद्वार के पिंजनहेड़ी क्षेत्र में आबादी में आ धमके हाथी ने दो लोगों को मार डाला था। इससे पहले भी बीएचईएल क्षेत्र में हाथी के हमले में दो लोगों की जान गई थी। लगातार गहराती इस समस्या को देखते हुए महकमे ने पूर्व में मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल से जांच पड़ताल कराई। जांच रिपोर्ट में साफ किया गया था कि हरिद्वार में हाथी-मानव संघर्ष की स्थिति बेहद चिंताजनक है। इसे थामने को वन सीमा पर मजबूत सोलर फैंसिंग समेत अन्य कई अहम सुझाव भी दिए गए थे।

इस बीच पिंजनहेड़ी की घटना के साथ ही अन्य इलाकों में गुलदार की धमक ने नींद उड़ाकर रख दी है। चिंता का कारण ये है कि हरिद्वार में 13 माह बाद महाकुंभ होना है, जिसमें देश-दुनिया से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। ऐसे में हाथी समेत दूसरे वन्यजीवों की हरिद्वार के आबादी वाले क्षेत्रों में धमक ऐसी ही बनी रही तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं। लिहाजा, समस्या के निदान को समय रहते प्रभावी कदम उठाया जाना जरूरी है।

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इसे देखते हुए अब सरकार और शासन  सक्रिय हो गए हैं। प्रमुख सचिव वन आनंदवर्धन ने सोमवार को हरिद्वार की इस समस्या के समाधान के मद्देनजर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक समेत अन्य वनाधिकारियों के साथ ही डब्ल्यूआइआइ के वैज्ञानिकों की बैठक बुलाई है। प्रमुख सचिव वन के अनुसार इस बैठक में महाकुंभ को देखते हुए हाथी समेत दूसरे वन्यजीवों के आबादी वाले क्षेत्रों में आने से रोकने के उपायों पर मंथन किया जाएगा। गौरतलब है कि कुंभ के आयोजन को देखते हुए हाथियों की निगरानी को उन पर रेडियो कॉलर लगाने के डब्ल्यूआइआइ के प्रस्ताव को वन महकमे ने हाल में मंजूरी दी थी। बैठक में इस प्रस्ताव के संबंध में भी प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। 

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