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हरिद्वार में हाथियों पर रेडियो कॉलर से होगी निगरानी, पढ़िए पूरी खबर

हरिद्वार में गजराज के आक्रामक व्यवहार ने वन महकमे की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। इसे देखते हुए अब हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाकर उनकी निगरानी का निर्णय लिया गया है।

By Edited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 08:34 PM (IST)
हरिद्वार में हाथियों पर रेडियो कॉलर से होगी निगरानी, पढ़िए पूरी खबर
हरिद्वार में हाथियों पर रेडियो कॉलर से होगी निगरानी, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, केदार दत्त। धर्मनगरी हरिद्वार में गजराज के आक्रामक व्यवहार ने वन महकमे की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। चिंता ये बढ़ गई है कि 2021 में हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन होना है। ऐसे में हाथियों को नियंत्रित नहीं किया गया तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं। इसे देखते हुए अब हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाकर उनकी निगरानी का निर्णय लिया गया है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्यूआइआइ) के कुंभ के परिप्रेक्ष्य में हरिद्वार क्षेत्र में हाथियों की रेडियो कॉलरिंग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वन विभाग और संस्थान की टीम संयुक्त से यह कार्य करेगी। रेडियो कॉलर लगने पर पता चल जाएगा कि हाथियों का मूवमेंट किस तरफ है, जिससे आसपास के क्षेत्र को अलर्ट कर दिया जाएगा।

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राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हरिद्वार क्षेत्र में हाथियों के आंतक से क्षेत्रवासी त्रस्त हैं। शनिवार को ही पथरी क्षेत्र के पिंजनहेड़ी गांव में बिगड़ैल हाथी ने दो लोगों को मार डाला था। इससे पहले भी बीएचईएल से लगे गांवों में हाथी ने दिन का चैन और रातों की नींद उड़ा दी थी। हाथियों के हमले की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश न लग पाने से विभाग की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ रही है।

पिंजनहेड़ी की घटना के बाद महकमा अब जाकर हाथियों की आबादी क्षेत्र में धमक को लेकर गंभीर हुआ है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी ने माना कि हाथियों का यह आक्रामक व्यवहार चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि  डब्ल्यूआइआइ ने हरिद्वार में कुंभ के मद्देनजर हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाने की अनुमति मांगी थी। इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

उन्होंने बताया कि संस्थान व वन विभाग की संयुक्त टीम हाथियों पर निगरानी के मद्देनजर रेडियो कॉलर लगाएगी। यह कार्य मंगलवार या बुधवार से शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत चिह्नित बिगड़ैल हाथियों के अलावा प्रमुख झुंडों के एक-एक हाथी पर रेडियो कॉलर लगाया जाएगा। इससे यह पता चल जाएगा कि हाथियों का मूवमेंट किस तरफ है। ऐसे में संबंधित क्षेत्र के लोगों को समय रहते अलर्ट करने के साथ ही हाथियों को जंगल की तरफ खदेड़ने को प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे।

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30 गांव हैं हाथी प्रभावित

हरिद्वार क्षेत्र के 30 गांव हाथियों के आतंक से त्रस्त हैं। इनमें पथरी क्षेत्र का पिंजनहेड़ी भी शामिल है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने बताया कि पिंजनहेड़ी समेत अन्य गांवों में वन सीमा पर चिह्नित स्थलों पर सोलर पावर फैंसिंग लगाने के आदेश दिए जा रहे हैं। इससे हाथियों को आबादी की तरफ आने से रोका जा सकेगा। इसके अलावा फैंसिंग के रखरखाव के लिए कमेटी गठित करने के साथ ही इन गांवों में वालेंटरी फोर्स गठित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

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बोले मंत्री जी

वन एवं पर्यावरण मंत्री (उत्तराखंड) डॉ.हरक सिंह रावत का कहना है कि हाथी समेत दूसरे वन्यजीवों के हमले की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए विभाग को हरसंभव कदम उठाने के आदेश दिए गए हैं। वन्यजीवों के हमलों और इनके व्यवहार में आ रहे बदलाव के कारणों की पड़ताल के लिए वरिष्ठ आइएफएस समीर सिन्हा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जा रही है। यह कमेटी सभी पहलुओं का गहनता से अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपगी और फिर इसके आधार पर भी कदम उठाए जाएंगे।

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