आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा, फर्जी वेबसाइट बना लोगों को दे रहे झांसा

अटल आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। योजना का फायदा उठाने के लिए इनदिनों सोशल मीडिया पर एक फर्जी साइट चलार्इ जा रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 07 Jan 2019 04:26 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jan 2019 04:26 PM (IST)
आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा, फर्जी वेबसाइट बना लोगों को दे रहे झांसा
आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा, फर्जी वेबसाइट बना लोगों को दे रहे झांसा

देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के नाम से फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। ठगों ने इसके लिए एक फर्जी वेबसाइट तैयार की है। इस लिंक पर आवेदन कर निश्शुल्क बीमा योजना का लाभ लेने का झांसा लोगों को दिया जा रहा है। इस संबंध में सोशल मीडिया पर तेजी से मैसेज वायरल किए जा रहे हैं। पुलिस ने इस वेबसाइट को फर्जी करार देते हुए लोगों से इस पर आवेदन न करने की अपील की है। साथ ही इस तरह के किसी भी मैसेज की शिकायत पुलिस से करने को कहा है। 

प्रत्येक नागरिक को निश्शुल्क स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल आयुष्मान योजना शुरू की है। जिसके लिए देशभर में कार्ड बनने शुरू हो चुके हैं। लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना पर ठगों की नजर पड़ गई है। ठगों ने योजना के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल शुरू कर दिया है। इसके लिए उन्होंने ने एक वेबसाइट तैयार की है। जिसमें आयुष्मान योजना का निश्शुल्क लाभ लेने के लिए लोगों को आवेदन करने का झांसा दिया जा रहा है। 

हालांकि योजना के तहत अभी कार्ड बनने शुरू ही हुए हैं, लेकिन ठगों ने कार्ड बनाने की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2019 बताई है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस मैसेज ने लोगों को भी परेशान कर रखा है। लोग इस संबंध में जिलाधिकारी और सीएमओ ऑफिस पहुंच रहे हैं। वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन, सीएमओ देहरादून के साथ ही एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने भी इस संबंध में अलर्ट जारी किया है। 

उन्होंने वेबसाइट को फर्जी बताते हुए कहा कि लोग परेशान न हो। योजना के तहत कार्ड बनाने की प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। कहा कि योजना के तहत इस प्रकार की कोई भी बेवसाइट नहीं बनी है। लोग इस तरह के किसी भी लिंक को क्लिक न करे और इस संबंध में आवश्यक जानकारी कर ही आवेदन करें। एसएसपी ने इसको लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत को नजदीकी पुलिस स्टेशन या दून पुलिस के फेसबुक पेज, ट्विटर एकाउंट या व्हाट्सएप नंबर 9997233033 पर देने की अपील की है। 

योजना पर निजी अस्पताल की ना-नुकुर 

अटल आयुष्मान स्वास्थ्य योजना पर सरकार जहां अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रही, वहीं योजना के तहत मरीजों को इलाज के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि निजी अस्पताल इलाज में ना नुकुर कर रहे हैं। लाभार्थियों को भी इलाज के लिए अपनी जेब से रकम खर्च करनी पड़ रही है। ऐसा ही एक वाकया दून में भी सामने आया है। जहां एक वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी का गोल्डन कार्ड होने के बाद भी उन्होंने खुद के खर्चे पर इलाज कराया। 

धर्मपुर निवासी वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी शकुंतला नेगी घर में पैर फिसलने के कारण चोटिल हो गई। जिस पर उन्हें तुरंत सीएमआइ अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सक ने उन्हें कूल्हे के ऑपरेशन के लिए कहा। जिसका खर्च काफी ज्यादा बताया गया। इस पर तिमारदारों ने अटल आयुष्मान योजना का कार्ड अस्पताल में दिखाया। 

पर स्टाफ ने यह कहकर मना कर दिया कि योजना का लाभ तभी मिलेगा जब मरीज सरकारी अस्पताल से रेफर होकर आए। आरोप यह भी है कि योजना के तहत और खुद के पैसे से इलाज कराने में उन्हें इम्प्लांट की क्वालिटी में भारी अंतर बताया गया। 

ऐसे में तमाम दिक्कतों से बचने के लिए परिवार ने खुद के पैसे से उनका ऑपरेशन कराया। राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती का कहना है कि सरकार इस योजना का हर स्तर पर प्रचार कर रही है। पर इसके क्रियान्वयन में अभी भी कई खामियां हैं। यदि कार्ड होकर भी मरीज को वक्त पर इसका लाभ नहीं मिले, तो योजना का क्या फायदा।

सीएमआइ अस्पताल के चेयरमैन डॉ. आरके जैन का कहना है कि योजना के तहत अगर मरीज को सरकारी अस्पतालों में सुविधा नहीं मिलती है, तब डॉक्टर उसे निजी अस्पताल के लिए रेफर करेंगे। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के रेफर लेटर पर मरीज का निजी अस्पताल में इलाज कराया जा सकता है। इमरजेंसी मामलों में रेफरल की जरूरत नहीं है। उक्त मामला उनके संज्ञान में नहीं है। ऐसी कोई शिकायत अगर आती है तो इसकी जांच की जाएगी। 

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