बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी जांचने में गलती पर 50 हजार तक का जुर्माना

सीबीएसई ने कॉपियां जांचने में कोई भी गड़बड़ ना हो इसके लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। गलती करने पर शिक्षक को 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sun, 17 May 2020 10:22 AM (IST) Updated:Sun, 17 May 2020 09:50 PM (IST)
बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी जांचने में गलती पर 50 हजार तक का जुर्माना
बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी जांचने में गलती पर 50 हजार तक का जुर्माना

देहरादून, जेएनएन। सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन शुरू कर दिया है। क्षेत्रीय स्तर पर बनाए गए नोडल अधिकारियों की निगरानी में कॉपियां जांची जाएंगी। हालांकि, इसके लिए परीक्षकों को मूल्यांकन केंद्र पर नहीं, बल्कि उनके घर पर ही कॉपियां उपलब्ध करवाई जाएंगी। कॉपियां जांचने में कोई भी गड़बड़ ना हो, इसके लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। गलती करने पर शिक्षक को 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

कोरोना महामारी के चलते बोर्ड परीक्षा और मूल्यांकन दोनों स्थगित कर दिए गए थे। सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद सीबीएसई में पूर्व में आयोजित बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन शुरू करवा दिया है। मूल्यांकन के लिए कुछ शिक्षकों को ही चुना गया है। बोर्ड के निर्देशानुसार मूल्यांकन केंद्रों पर कॉपियों की जांच करवाने के बजाय शिक्षकों को घर पर ही कॉपी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

बोर्ड ने मूल्यांकनकर्ताओं के नाम एक पत्र जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि उत्तर पुस्तिकाओं को मुख्य परीक्षक और सहायक परीक्षक नहीं जांचेंगे। किसी भी गलती के लिए मूल्यांकन करने वाला ही पूरी तरह से जिम्मेदार होगा और उस पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। बोर्ड के निर्देशानुसार पहले से तय मूल्यांकनकर्ताओं के घर सीलबंद बैग में उत्तर पुस्तिकाएं भेजी जाएंगी। एक बैग की दो सौ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सात दिन के भीतर किया जाना है। सात दिन बाद उत्तर पुस्तिकाओं को वापस लाया जाएगा।

परीक्षक मूल्यांकन से हाथ खींच रहे

बोर्ड की कॉपियों की जांच को लेकर बरती जा रही सख्ती को देखते हुए कई परीक्षक इससे हाथ खींच रहे हैं। इसके चलते कॉपियों की जांच में शिक्षकों की कमी बाधा बन रही है। इसके साथ ही दूर- दराज के परीक्षकों तक कॉपी भिजवाने में भी काफी परेशानी हो रही है। इसके अलावा अकेले कॉपी चेक करना भी शिक्षकों के लिए मुश्किल का सबब है। एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सामान्य तौर पर मूल्यांकन केंद्रों पर दूसरे परीक्षकों की मदद भी मिल जाती है। अब अगर छोटी सी भी गलती हुई तो उसके लिए हर्जाने के साथ बदनामी भी अकेले शिक्षक की होगी। स्थिति यह है कि जो शिक्षक कुछ कॉपी पहले केंद्र पर जांच चुके हैं, वह भी घर पर कॉपी जांचने से बच रहे हैं।

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घर पर बरतनी होगी सावधानी

तय मूल्यांकन केंद्र के प्राचार्य को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उनकी जवाबदेही में शिक्षकों के घर पर कॉपी भिजवाई जा रही हैं। कॉपी उपलब्ध कराते समय मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों की फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड व स्कूल का आइडी कार्ड भी लिया जा रहा है। क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह ने बताया कि मूल्यांकन करने वालों को उत्तर पुस्तिकाओं को सावधानीपूर्वक संभाल कर बच्चों और पानी की पहुंच से दूर रखना है। परीक्षक को इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि घर में कोई अन्य व्यक्ति इन उत्तर पुस्तिकाओं को नहीं देखे। उत्तर पुस्तिकाओं की किसी भी तरह से फोटोग्राफी या फोटोकॉपी नहीं करनी है। साथ ही गोपनीयता का विशेष ध्यान रखना है।

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