केंद्रीय विद्यालय में 22 मई से जमा होगी पहले क्वार्टर की फीस
केंद्रीय विद्यालयों में नए सत्र की फीस 22 मई से जमा की जाएगी। फीस पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम से जमा होगी। केवी फिलहाल अभिभावकों से पहले क्वार्टर की फीस ले रहा है।
देहरादून, जेएनएन। केंद्रीय विद्यालयों में नए सत्र की फीस 22 मई से जमा की जाएगी। फीस पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम से जमा होगी। केवी फिलहाल अभिभावकों से पहले क्वार्टर (अप्रैल मई-जून) की फीस ले रहा है। अभिभावक 21 जून तक बिना किसी विलंब शुल्क के फीस जमा कर सकते हैं।
दरअसल, सामान्य तौर पर अप्रैल महीने में दाखिले की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही केंद्रीय विद्यालयों में पहले क्वार्टर की फीस वसूली जाती है। लेकिन वर्तमान सत्र में पहले दाखिला प्रक्रिया में हुए परिवर्तन और बाद में कोरोना वायरस से फैली महामारी के चलते अभिभावकों से अप्रैल माह में फीस नहीं वसूली गई। अब केंद्रीय विद्यालय के हेड ऑफिस से फीस वसूली के लिए सर्कुलर जारी हो चुका है।
अभिभावकों के पास फीस जमा करने के लिए एक महीने का समय होगा। केंद्रीय विद्यालय देहरादून संभाग के प्रभारी उपायुक्त विनोद कुमार पांडे ने बताया कि अप्रैल से लेकर अब तक मिली रियायत के लिए अभिभावकों से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं वसूला जाएगा। फीस जमा करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से ही रखी गई है। अभिभावकों को बैंक जाकर दिए गए खाते में कक्षा की नियमित फीस जमा करनी होगी।
दाखिले की प्रक्रिया पर फैसला जल्द
केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया का सभी को इंतजार रहता है। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते दाखिले अब तक शुरू नहीं हो सके हैं। फिलहाल केंद्रीय विद्यालय में दाखिला की प्रक्रिया जून में शुरू होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। प्रभारी उपायुक्त विनोद कुमार पांडे ने बताया कि दाखिले के लिए केंद्रीय विद्यालय का ऑनलाइन पोर्टल नए सिरे से तैयार है। केंद्र से गाइडलाइन आते ही जल्द दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
ग्रीष्मकालीन अवकाश में पढ़ाई का दबाव नहीं
केंद्रीय विद्यालयों में आधिकारिक तौर पर 11 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो चुका है। फिलहाल केंद्रीय विद्यालयों में सामान्य तौर पर चलने वाले कैलेंडर के अनुसार यह छुट्टियां 19 जून तक चलेंगी। लेकिन कोरोना वायरस के चलते नई व्यवस्थाएं लागू होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते कुछ शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई भी बंद करवा दी है। हालांकि, कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो अब भी नियमित तौर पर छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करवा रहे हैं। इस पर प्रभारी उपायुक्त विनोद पांडे का कहना है कि अवकाश के दौरान किसी भी शिक्षक को पढ़ाई के लिए बाधित नहीं किया जा सकता।
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छुट्टियों में घर जाने पर फैसला नहीं
केंद्रीय विद्यालयों के कई शिक्षक बाहरी राज्यों से प्रदेश में सेवाएं दे रहे हैं। इनमें कई शिक्षकों को गर्मियों की छुट्टियों के दौरान ही अपने परिवार के पास जाने का मौका मिलता है। लेकिन कोरोना वायरस के चलते ऐसे शिक्षकों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डीएम लखेड़ा ने बताया कि प्रशासन और सरकार से कई दफा शिक्षकों को घर भेजने की व्यवस्था बनाने की मांग की जा चुकी है। लेकिन अब तक इस पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने सरकार से दूसरे राज्यों और प्रदेश के शिक्षकों को भी उनके परिवार के पास भेजने की व्यवस्था बनाने की मांग की है।
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