चमोली के किसानों ने नमो को दी उत्तराखंडी महक की पहली भेंट

सीमांत चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में गुलाब (डेमस्क रोज) की खेती में जुटे किसानों की पहली समलौंण (यादगार) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई।

By Edited By: Publish:Fri, 22 Jun 2018 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jun 2018 05:23 PM (IST)
चमोली के किसानों ने नमो को दी उत्तराखंडी महक की पहली भेंट
चमोली के किसानों ने नमो को दी उत्तराखंडी महक की पहली भेंट

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सीमांत चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में गुलाब (डेमस्क रोज) की खेती में जुटे किसानों की पहली समलौंण (यादगार) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई। यह समलौंण थी डेमस्क रोज ऑयल, जो वहां के किसानों ने पहली बार तैयार किया। अभी तक वे गुलाब जल बनाते आ रहे थे। 

नई पहल से उत्तराखंड के रोज ऑयल की ब्रांडिंग तो हुई ही, अब सगंध खेती से जुड़े किसानों की आर्थिकी और मजबूत होगी। इस गुलाब तेल की बाजार में कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है। 

प्रदेश में सगंध खेती को बढ़ावा देने की कोशिशों में जुटे सगंध पौधा केंद्र (कैप) की पहल पर चमोली जिले के जोशीमठ व थराली क्षेत्र में काफी संख्या में किसान डेमस्क रोज की खेती से जुड़े हैं। 

कैप के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान बताते हैं कि अभी तक वहां के किसान गुलाब के फूलों से उत्तम क्वालिटी का गुलाब जल तैयार करते थे। पहली बार वहां गुलाब ऑयल तैयार किया गया। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा इसे प्रधानमंत्री को इसे सौंपने से किसान गदगद हैं। डॉ. चौहान के अनुसार गुलाब में डेमस्क रोज की खेती खासी लाभप्रद है। इसमें एक हेक्टेयर से 25 कुंतल फूल का उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि इसके फूलों से निर्मित होने वाले ऑयल की कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है। 

इसे देखते हुए राज्य में क्लस्टर आधार पर डेमस्क रोज की खेती की जा रही है। वर्तमान में इसके 39 क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं।

उत्तराखंड में डेमस्क रोज क्लस्टर 

जिला---------------------संख्या 

चमोली---------------------06 

टिहरी----------------------05 

पौड़ी-----------------------05 

नैनीताल------------------05 

अल्मोड़ा-------------------04 

देहरादून-------------------03 

बागेश्वर-------------------03 

पिथौरागढ़-----------------02 

चंपावत--------------------02 

रुद्रप्रयाग------------------02 

ऊधमसिंहनगर------------01 

उत्तरकाशी----------------01 

-1229 किसान जुड़े हैं डेमस्क रोज की खेती से 

-73 हेक्टेयर है वर्तमान में कृषित क्षेत्रफल 

-250 कुंतल हो रहा डेमस्क रोज के फूलों का उत्पादन 

कम पानी और बंजर भूमि में भी खेती संभव 

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में सगंध खेती अहम भूमिका निभा सकती है। इसे देखते हुए इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। डेमस्क रोज समेत अन्य सगंध फसलों से जहां किसानों को अच्छी आय होगी, वहीं हरियाली भी रहेगी। इसकी खेती कम पानी और बंजर भूमि पर भी की जा सकती है।

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