कोरोना को पीछे छोड़ उत्पादन को गति देने में जुटे उद्यमी, पढ़िए पूरी खबर

कोरोना महामारी को पीछे छोड़ते हुए राज्यभर के उद्यमी उत्पादन को गति देने में जुटे हैं। दिक्कतों का सामना करते उद्यमी केवल उत्पादन बढ़ाने के एक मात्र लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 12 May 2020 11:50 AM (IST) Updated:Tue, 12 May 2020 11:50 AM (IST)
कोरोना को पीछे छोड़ उत्पादन को गति देने में जुटे उद्यमी, पढ़िए पूरी खबर
कोरोना को पीछे छोड़ उत्पादन को गति देने में जुटे उद्यमी, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। कोरोना महामारी को पीछे छोड़ते हुए राज्यभर के उद्यमी उत्पादन को गति देने में जुट गए हैं। कोविड-19 के बाद बदली परिस्थितियों में तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करते उद्यमी अब केवल उत्पादन बढ़ाने के एक मात्र लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं। राज्य के 68 हजार के करीब सभी तरह के उद्योगों को राज्य सरकार की ओर से पिछले सप्ताह बिना प्रशासनिक अनुमति लिए सीधे उत्पादन की अनुमति दी गई है। इसके बाद उद्योगों ने शारीरिक दूरी व अन्य नियमों का पालन करते हुए उत्पादन शुरू कर दिया है।

पटेलनगर में बिजली ट्रांसफार्मर निर्माण करने वाले उद्योगपति मनोज गुप्ता ने कहा कि दिक्कतों का दौर आगे कम होगा, इसकी संभावनाएं बन रही हैं। 

दून के मोहब्बेवाला स्थित मसाला उद्योग के मालिक पवन अग्रवाल ने कहा कि सभी उद्योगों ने कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य बनाया है। पटेलनगर स्थित इंजीनियरिंग उद्योग के मालिक अरुण नैथानी ने भी आगे उत्पादन बढ़ने की आशा जताई।

उद्यमियों के सामने समस्याएं

दिल्ली, गुजरात व महाराष्ट्र में लॉकडाउन से नहीं आ रहा पर्याप्त कच्चा माल। उद्योगों में तैयार माल की बाजार से नहीं आ रही पर्याप्त डिमांड। श्रम कानूनों में छूट मिलने के बाद श्रमिकों को कंपनी में ठहराने की नहीं करनी होगी व्यवस्था उद्योगों को क्रेडिट पर नहीं मिल रहा बाहर से सामान। कच्चे माल की आपूर्ति करने वाले कर रहे कैश लेनदेन 50 से 60 फीसद कर्मचारियों से चलाया जा रहा कार्य पलायन करने वाले प्रवासी कामगारों के लौटने पर दूर होगी लेबर की समस्या

पर्यटन उद्योग पर असर का हो रहा आकलन

कोरोना संकट से उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग पर पड़े असर और इससे उबरने की दिशा में सरकार व शासन अब सक्रिय हो गए हैं। इस कड़ी में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों के जिला पर्यटन विकास अधिकारियों के साथ बैठक कर पर्यटन क्षेत्र पर पड़े प्रभाव की जानकारी ली। साथ ही होम स्टे, गृह आवास ऋण, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, 13 डिस्टिक्ट-13 डेस्टिनेशन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। सचिव पर्यटन जावलकर ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन से राज्य में पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों को हरसंभव राहत देने के लिए सरकार कार्रवाई कर रही है। जिला स्तर से सूचनाएं ली जा रही हैं, ताकि सभी संबंधित लोगों को इनका लाभ मिल सके। जिला पर्यटन विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को विभिन्न योजनाओं में ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रोत्साहित करें।

राज अरोड़ा (चेयरमैन, राज्य एमएसएमई, पीएचडी चैंबर्स ऑफ कामर्स) का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पिछले हफ्ते से राज्य के सभी तरह के उद्योगों को उत्पादन की अनुमति दे दी है। अब किसी भी उद्योग को प्रशासन से किसी प्रकार के पास लेने की जरूरत नहीं है। ऐसे में एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों ने उत्पादन शुरू कर दिया है। अब आगे कोविड-19 को लेकर केंद्र व राज्य सरकारें की ओर से लॉकडाउन में जितनी शिथिलताएं दी जाएगीं उससे औद्योगिक उत्पादन बढ़ता जाएगा। अशोक विंडलास (अध्यक्ष सीआइआइ, उत्तराखंड राज्य परिषद) का कहना है कि उद्योगों ने उत्पादन तो शुरू कर दिया है लेकिन अभी औद्योगिक उत्पादन चेन पूरी तरह संचालित नहीं हुई है। देश के बड़े राज्य कोरोना प्रभावित हैं जिससे वहां से आयात-निर्यात लगभग ठप है। कच्चे माल की आपूर्ति बहुत सीमित है। कोविड-19 को लेकर बनाए गए नियम अभी भी प्रभावी हैं। इन सबके बीच लगभग सभी उद्योग खुल रहे हैं और उत्पादन बढ़ाने की सोच रहे हैं।

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राकेश भाटिया (राज्य अध्यक्ष, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) का कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन-एक व दो में केवल जरूरी उद्योगों को उत्पादन की अनुमति थी। लॉकडाउन तीन में कुछ उद्योगों को सशर्त उत्पादन की अनुमति दी गई। अब पिछले सप्ताह से उत्तराखंड सरकार से सभी तरह के उद्योगों को उत्पादन शुरू करने की छूट दी है। जिससे आशा की जा रही है कि आने वाले कुछ समय में उत्तराखंड में औद्योगिक उत्पादन बढ़ेगा।

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