20 को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे कर्मचारी, केंद्रीय मंत्री का फूकेंगे पुतला Dehradun News

बिना पदोन्नति आरक्षण प्रक्रिया बहाल करने में हो रही देरी से आक्रोशित जनरल-ओबीसी कर्मचारी 20 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 17 Feb 2020 07:37 PM (IST) Updated:Mon, 17 Feb 2020 08:38 PM (IST)
20 को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे कर्मचारी, केंद्रीय मंत्री का फूकेंगे पुतला Dehradun News
20 को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे कर्मचारी, केंद्रीय मंत्री का फूकेंगे पुतला Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। बिना पदोन्नति आरक्षण प्रक्रिया बहाल करने में हो रही देरी से आक्रोशित जनरल-ओबीसी कर्मचारी 20 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री रामबिलास पासवान के पुतले की शवयात्रा भी निकाली जाएगी।

उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन की सोमवार को तहसील चौक स्थित बैठक में निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री के आवास के ही बाहर केंद्रीय मंत्री का पुतला दहन किया जाएगा। इसी परेड ग्राउंड में महारैली भी होगी, जिसमें प्रदेश भर से जनरल-ओबीसी वर्ग के कर्मचारी सपरिवार जुटेंगे। इस दिन यदि सरकार ने पदोन्नति प्रक्रिया बहाल नहीं की तो प्रदेश में बेमियादी हड़ताल की घोषणा कर दी जाएगी।

बीस फरवरी को होने वाली महारैली की तैयारियों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री रामबिलास पासवान के उस बयान की कड़ी निंदा की गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि समाज को आरक्षण के नाम पर बांटने वाले ऐसे नेताओं को सबक सिखाना आवश्यक है। यदि समय रहते ऐसा नहीं किया गया तो समाज तो दूर सरकारी सेवाओं में भी योग्यता की कद्र नहीं होगी। उन्होंने कहा कि परेड ग्राउंड में 20 फरवरी को होने वाली रैली के दौरान प्रदेश भर से आने वाले कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास भी कूच करेंगे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री के पुतले की शवयात्रा भी निकाली जाएगी।

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रिश्तेदारों, परिचितों को भी लाएं

महारैली के लिए जिस तरह से कर्मचारी संगठन संपर्क अभियान चला रहे हैं, उसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि एक लाख से भी अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। अखिल भारतीय समानता मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष पीसी तिवारी ने कर्मचारियों से आह्वान किया है कि यह लड़ाई सिर्फ जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की नहीं है। यह उन सब की लड़ाई है जो भविष्य में सरकारी सेवा में आने वाले हैं। ऐसे में जैसे भी हो महारैली में सपरिवार शामिल हों और रिश्तेदारों-परिचितों को भी लाएं। वहीं युवाओं और बेरोजगारों से भी रैली में पहुंचने की अपील की गई है। 

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