दुर्गा पूजा कल से, आज स्थापित होगी प्रतिमा, 26 को विजर्सन

22 अक्टूबर से शुरू होने जा रही दुर्गा पूजा के लिए बुधवार को पंचमी पर पांडालों में प्रतिमा स्थापित होंगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 09:36 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 09:36 PM (IST)
दुर्गा पूजा कल से, आज स्थापित होगी प्रतिमा, 26 को विजर्सन
दुर्गा पूजा कल से, आज स्थापित होगी प्रतिमा, 26 को विजर्सन

जागरण संवाददाता, देहरादून : 22 अक्टूबर से शुरू होने जा रही दुर्गा पूजा के लिए बुधवार को पंचमी पर पांडालों में प्रतिमा स्थापित होंगी। विभिन्न आयोजन समिति ने पांडाल को फूलों और लड़ियों से सजाने, भक्तों के लिए व्यवस्था आदि की तैयारी कर ली है। पांडाल में तिलक लगाने, प्रतिमा छूने और प्रसाद चढ़ाने की मनाही रहेगी। भक्त दूर से माता के दर्शन कर आशीर्वाद लेंगे।

दून में हर साल देहरादून दुर्गा बाड़ी पूजा समिति, दुर्गा बाड़ी रायपुर, यंग ब्वायज क्लब ओल्ड डालनवाला, बंगाली लाइब्रेरी करनपुर, काली बाड़ी पूजा समिति आराघर में भव्य समारोह होता है, लेकिन इस बार कोरोनाकाल के चलते दुर्गा पूजा सादगी से मनाई जाएगी। सांस्कृतिक आयोजन, महिलाओं के संगीत कार्यक्रम, शोभा यात्रा नहीं होंगे। कुछ जगह भक्तों को ऑनलाइन तो कहीं, शारीरिक दूरी बनाकर दर्शन कराए जाएंगे। पांच दिनों तक चलने वाली पूजा के लिए बुधवार सुबह महिलाएं व्रत रखकर माता के लिए भोग के रूप में नारियल का लड्डू बनाएंगी। शाम को विभिन्न आयोजन समिति छह से सात बजे के बीच प्रतिमा स्थापित करेंगी। इसके बाद आरती होगी, जबकि 22 की सुबह पुष्पांजलि के बाद शाम को विशेष आरती होगी। प्रशासन की ओर से हरिद्वार के लिए विसर्जन की अनुमति न मिलने की स्थिति में 26 की सुबह को प्रतिमा का विसर्जन मालदेवता में होगा।

इनका कहना है

देहरादून दुर्गा बाड़ी पूजा समिति के सचिव रमेश मोदक ने बताया कि दुर्गा बाड़ी देहरादून फेसबुके पेज के माध्यम से भक्त घर बैठे माता के दर्शन कर सकेंगे। पांडाल में सिर्फ पंडित होंगे, भक्तों को आने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई भक्त आता है तो उसे बंद गेट के बाहर से ही दर्शन करना होगा। कोरोनाकाल को देखते हुए भक्तों से अपील है कि ऑनलाइन ही माता के दर्शन करें।

द यंग ब्वायज क्लब ओल्ड डालनवाला के पूजा प्रबंधक मनीष चंदेल ने बताया कि शारीरिक दूरी बनाकर भक्त माता के दरबार से 15 फीट की दूरी से दर्शन करेंगे। माता के लिए यदि कोई चढ़ावा लाते हैं तो उसे वहीं मेज पर रखने की व्यवस्था बनाई गई है।

बंगाली लाइब्रेरी पूजा समिति करनपुर के अध्यक्ष आलोक चक्रवर्ती ने बताया कि 23 से होने वाली मुख्य पूजा, माता का भोग और शाम को आरती में भक्त शामिल हो पाएंगे। भीड़ भी न हो और भक्तों की आस्था को ठेस न पहुंचे इसका विशेष ध्यान रखा है। दूर से ही दर्शन की अनुमति रहेगी, ऐसे में भक्त पांडाल से दूर दीवार पर चस्पा किए हिदी और बंगला में माता के मंत्र पढ़कर पुष्प को वहां रखी टोकरी में अर्पित करेंगे, जिन्हें हर घंटे के बाद समिति के सदस्य माता के पांडाल में अर्पित करेंगे। इसके अलावा वहां थाली के लिए बैग रखे हैं, माता के लिए थाली चढ़ाने वाले भक्त इसमें रखेंगे।

काली बाड़ी समिति आराघर के संयोजक अधीर मुखर्जी ने बताया कि भक्तों के लिए दर्शन का समय सुबह आठ से 12:30 और शाम चार से 7:30 रहेगा। 22 अक्टूबर को महिलाएं बच्चों के दीर्घायु, आरोग्य के लिए केले के पेड़ की पूजा कोलाबऊ के रूप में करेंगी।

बंग भारती के सदस्य तापस चक्रवर्ती ने बताया कि रायपुर दुर्गा बाड़ी पूजा समिति का आयोजन ओएफडी प्रांगण की जगह इस बार बंग भारती क्लब के प्रांगण में सादगी से होगा। भक्तों को पांडाल के दूर से ही शारीरिक दूरी बनाकर दर्शन कराएंगे।

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