सरकारी अस्पतालों में कार्यरत 113 विशेषज्ञ चिकित्सकों को राहत

सरकारी अस्पतालों में कार्यरत 113 विशेषज्ञ चिकित्सकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में उनके प्रॉविजनल रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने इस बावत आदेश जारी किए थे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 10:11 PM (IST) Updated:Mon, 17 Dec 2018 10:11 PM (IST)
सरकारी अस्पतालों में कार्यरत 113 विशेषज्ञ चिकित्सकों को राहत
सरकारी अस्पतालों में कार्यरत 113 विशेषज्ञ चिकित्सकों को राहत

जागरण संवाददाता, देहरादून: सरकारी अस्पतालों में कार्यरत 113 विशेषज्ञ चिकित्सकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में उनके प्रॉविजनल रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने इस बावत आदेश जारी किए थे।

गत वर्षो में उत्तराखंड के डॉक्टरों को विशेषज्ञता हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें आवंटित की गई। इस व्यवस्था के तहत अब तक कुल 113 डॉक्टर उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से पीजी डिप्लोमा कर चुके हैं, जबकि 19 अभी भी अध्ययनरत हैं। जिन मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टरों ने पीजी किया, उन्होंने इन्हें गैर मान्यता वाली सीटों पर दाखिला दिया। यही कारण है कि इन डॉक्टरों की डिग्री को लेकर सवाल खड़े हो गए। वर्तमान में यह सभी चिकित्सक प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने इन डॉक्टरों को नोटिस जारी किए थे। इनकी विशेषज्ञ के तौर पर प्रैक्टिस पर भी आपत्ति दर्ज की थी। इसके अलावा एमसीआइ को पत्र भेज दिशा निर्देश भी मागे गए थे। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की मांग थी कि राज्य सरकार इन विशेषज्ञ चिकित्सकों को मान्यता दे। उनका उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में विशेषज्ञ के तौर पर पंजीकरण किया जाए। प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी ने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार व शासन चिकित्सकों की अन्य मांगों का भी जल्द समाधान करेगा।

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प्रदेशभर के सरकारी चिकित्सकों ने काली पंट्टी बांधकर किया काम

लंबित मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज हैं डॉक्टर

जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेशभर के सरकारी चिकित्सकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को उन्होंने काली पंट्टी बांधकर कार्य किया। उनका कहना है कि सप्ताहभर के भीतर मागों पर कार्रवाई नहीं हुई तो राज्य व्यापी आदोलन शुरू किया जाएगा।

प्रातीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी ने कहा कि संघ राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के प्रयास कर रहा है। लेकिन इसके बावजूद उनकी मागों पर कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि मागों पर कार्रवाई नहीं की गई तो आदोलन तेज किया जाएगा। महासचिव का स्थानांतरण आदेश तत्काल रद करने, डीएसीपी समेत सभी लंबित मांगों पर जल्द कार्रवाई, प्रत्येक वर्ष में दो बार विभागीय डीपीसी, समस्त विभागीय चिकित्सकों को वाहन भत्ता, चिकित्सकों के पदों का पुनर्गठन, एनपीए, एचआरए व अन्य भत्तों को केंद्र की तरह लागू करने, नवनियुक्त चिकित्सकों को एनपीए व एचआरए का लाभ और चिकित्साधिकारियों के लिए स्नातकोत्तर की सीटों में बढ़ोत्तरी के विषय में जल्द निर्णय लेने की मांग उन्होंने की।

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