पीसीएस टॉपर हिमांशु ने बैंक क्लर्क से लेकर डिप्टी कलक्टर तक किया सफर

पीसीएस टॉपर बने नैनीताल के हिमांशु कफल्टिया ने बैंक क्लर्क से डिप्टी कलक्टर तक का सफर तय कर सफलता की इबारत पेश की है।

By Edited By: Publish:Fri, 05 Jul 2019 10:07 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jul 2019 09:06 PM (IST)
पीसीएस टॉपर हिमांशु ने बैंक क्लर्क से लेकर डिप्टी कलक्टर तक किया सफर
पीसीएस टॉपर हिमांशु ने बैंक क्लर्क से लेकर डिप्टी कलक्टर तक किया सफर

देहरादून, जेएनएन। कोशिश कर, हल निकलेगा। आज नहीं तो, कल निकलेगा। अर्जुन सा लक्ष्य रख, निशाना लगा, मरुस्थल से भी फिर जल निकलेगा। यह पंक्तियां पीसीएस टॉपर बने हिमांशु कफल्टिया पर एकदम सटीक बैठती हैं। एक बैंक क्लर्क से लेकर डिप्टी कलक्टर तक का उनका सफर संघर्षो से भरा रहा है। इस बीच कई असफलताओं का मुंह भी उन्हें देखना पड़ा। पर उनके कदम डगमगाए नहीं। 

वह खुद को चुनौतियों के मुताबिक ढालते रहे और जीवन के चक्रव्यूह को भेदने आगे बढ़ते रहे। हिमांशु मूल रूप से तुषराड गांव ओखलकांडा जनपद नैनीताल के रहने वाले हैं। उनके पिता घनश्याम कफल्टिया जूनियर हाईस्कूल के रिटायर्ड प्रधानाचार्य व मां गीता गृहणी हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वहीं गांव से हुई। 

इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय रुद्रपुर से की। वर्ष 2006 में कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद शुरू हुआ संघर्षो का सफर। दिल में तमन्ना थी कि वह प्रशासनिक सेवा में जाएं, पर कई बार लक्ष्य समय अनुरूप नहीं मिलता। 

एक अच्छी बात यह रही कि इस अवधि में उन्होंने तमाम परीक्षाएं पास की। वह छत्तीसगढ़ में दो साल एलआइसी में सहायक प्रशासनिक अधिकारी रहे। दिल्ली में एक साल विजया बैंक में क्लर्क के तौर पर काम किया। गुप्तचर विभाग व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में भी उनका सलेक्शन हो गया था, पर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। 

वह बताते हैं कि तीन बार सिविल सेवा के लिए साक्षात्कार दे चुके हैं, लेकिन, सलेक्शन नहीं हो पाया। पर तमाम बाधाओं से पार पाकर वह आगे बढ़ते गए। अभी कार्याधिकारी-जिला पंचायत हिमांशु ने इससे पहले भी पीसीएस क्वालिफाई किया था। वह कार्याधिकारी-जिला पंचायत के पद पर कार्यरत हैं। इस पद पर रहते वह उत्तरकाशी व टिहरी में अपनी सेवा दे चुके हैं। अब उनका तबादला दून हो गया है। पर उन्होंने अभी यहां ज्वाइन नहीं किया है। 

मुख्यमंत्री ने किया है सम्मानित 

हाल ही में पौड़ी कमीश्नरी के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हिमांशु को सम्मानित किया था। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण अंचलों में साफ-सफाई के बेहतर कार्य करने के लिए यह सम्मान मिला। हिमांशु तब जिला पंचायत टिहरी के प्रभारी कार्याधिकारी के पद पर तैनात थे। 

सहायक आयुक्त आयकर हैं पत्नी 

हिमांशु की पत्नी गुंजन शर्मा 2016-बैच की आइआरएस हैं। वह अभी दून में सहायक आयुक्त आयकर के पद पर कार्यरत हैं। उनके भाई रमाशंकर सीए हैं। वह पेट्रोलियम मंत्रालय में विधिक सलाहकार हैं। हिमांशु का एक तीन माह का बेटा भी है। जिस समय पीसीएस का साक्षात्कार हुआ उसी के आसपास वह पिता बने। वह कहते हैं कि बेटे के कदम उनके लिए शुभ रहे हैं। 

निरंतरता व एकाग्रता जरूरी पीसीएस में सफलता के लिए हिमांशु नियमित तैयारी पर जोर देते हैं। वह कहते हैं कि तमाम उतार चढ़ाव के बीच भी वह तैयारी के लिए जरूर समय देते थे। इससे कभी भी समझौता नहीं किया। हर दिन करीब छह घंटे तैयारी करते थे। यही वजह है कि उन्हें सफलता मिली। कहते हैं कि जरूरी निरंतरता व एकाग्रता किसी भी लक्ष्य को भेदने के लिए जरूरी है।

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