Dehradun Mussoorie Highway पर भारी विरोध के बीच 64 अतिक्रमण ध्वस्त, विरोध में लोगों ने लगाया लंबा जाम

Dehradun Mussoorie Highway देहरादून-मसूरी हाईवे पर शनिवार को भी अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाया गया। लोग यहां विरोध पर उतर आए। लोगों ने सड़क के दोनों और करीब छह किमी लंबा जाम लगा दिया। मसूरी जा रहे पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

By Surat singh rawatEdited By: Publish:Sat, 03 Dec 2022 01:37 PM (IST) Updated:Sat, 03 Dec 2022 01:37 PM (IST)
Dehradun Mussoorie Highway पर भारी विरोध के बीच 64 अतिक्रमण ध्वस्त, विरोध में लोगों ने लगाया लंबा जाम
Dehradun Mussoorie Highway : लोगों ने सड़क के दोनों और करीब छह किमी लंबा जाम लगा दिया।

टीम जागरण, मसूरी : Mussoorie News : मसूरी रोड पर पसरे अतिक्रमण को हटाने में प्रशासन की मशीनरी ने एक बार फिर इच्छाशक्ति दिखाई और 64 अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए। हालांकि, इस दौरान अधिकारियों को व्यापारियों का भारी विरोध झेलना पड़ा। कार्रवाई से नाराज व्यपारियों ने पानीवाला बैंड के पास सड़क पर जाम भी लगा दिया।

जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर उपजिलाधिकारी सदर नरेश दुर्गापाल और उपजिलाधिकारी मसूरी शैलेंद्र सिंह ने 11 व 14 नवंबर को अतिक्रमण चिह्नित किए थे। उस दौरान कुल 176 अतिक्रमण व अवैध निर्माण पाए गए थे। 112 निर्माण बिना नक्शे के पाए गए, जिन्हें एमडीडीए ने सीलिंग का नोटिस जारी किया, जबकि 64 को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने को कहा गया था।

टीम ने कुल 35 अतिक्रमण छिटपुट विरोध के भीतर ध्वस्त कर दिए

कुछ समय प्रशासन के खामोश रहने के बाद भी जब अधिकतर अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर प्रशासन की संयुक्त टीम ने शुक्रवार व शनिवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की।

कुठालगेट से पानीवाला बैंड तक उपजिलाधिकारी सदर नरेश दुर्गापाल व इससे आगे उपजिलाधिकारी मसूरी शैलेंद्र सिंह नेगी ने अतिक्रमण हटाओ अभियान का मोर्चा संभाला। मसूरी क्षेत्र में प्रशासन की टीम ने कुल 35 अतिक्रमण छिटपुट विरोध के भीतर ध्वस्त कर दिए हैं।

वहीं, देहरादून वाले हिस्से में प्रशासन की टीम को भारी विरोध झेलना पड़ा। व्यापारियों ने प्रशासन पर गलत तरीके से उनके प्रतिष्ठान तोड़ने का आरोप लगाया। कई व्यापारी प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए पानीवाला बैंड के पास सड़क पर धरने पर बैठ गए।

इससे मार्ग के दोनों तरफ सात किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गई। किसी भी वाहन को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। उपजिलाधिकारी सदर दुर्गापाल ने बमुश्किल व्यापारियों को शांत कर जाम दो घंटे बाद जाम खुलवाया। इस बीच पुलिस बल की मौजूदगी के चलते अतिक्रमण हटाओ टीम 29 अतिक्रमण ध्वस्त करने में सफल रही।

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मसूरी रोड पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत एमडीडीए ने 112 निर्माण ऐसे चिह्नित किए हैं, जिनके नक्शे पास नहीं हैं। एमडीडीए ने ऐसे सभी निर्माण को सीलिंग के नोटिस भेजे हैं। लिहाजा, संबंधित व्यक्तियों को अपने निर्माण कंपाउंड कराने होंगे। हालांकि, वही निर्माण पास हो सकेंगे, जिनमें निर्माण कंपाउंडिंग के दायरे में होगा।

कुठालगेट से किंक्रेग तक अतिक्रमण पर गरजी जेसीबी

इससे पहले शुक्रवार को भी देहरादून-मसूरी हाईवे पर कुठालगेट से किंक्रेग तक अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाया गया। इस दौरान पूर्व में चिहि्नत किए गए 73 अतिक्रमण में से 14 अतिक्रमण (खोखे व हट्स) हटाए गए।

शुक्रवार सुबह देहरादून-मसूरी हाईवे स्थित पानी वाले बैंड पर कार्मिक एकत्र हुए। इसके बाद एक टीम एसडीएम सदर नरेश चंद्र दुर्गापाल के नेतृत्व में पानी वाले बैंड से कुठाल गेट तक अतिक्रमण हटाने में लगी, जबकि दूसरी टीम एसडीएम मसूरी शैलेंद्र सिंह नेगी के नेतृत्व में पानी वाले बैंड से किंक्रेग तक अतिक्रमण हटाने गई।

साथ ही दो निर्माणाधीन होटल ध्वस्त किए गए। विभिन्न विभागों के कार्मिकों की संयुक्त टीम को अतिक्रमणकारियों का छुटपुट विरोध भी झेलना पड़ा, लेकिन टीम के सामने उनकी ज्यादा नहीं चली और उन्हें पीछे हटना पड़ा।

इस दौरान कुछ जगहों पर अतिक्रमणकारियों ने कार्रवाई का विरोध भी किया, लेकिन ज्यादा देर तक उनकी दलील नहीं चल पाई। पूर्व में चिहि्नत किए अतिक्रमण पर जेसीबी चलाई गई। इस दौरान पंचायत व वन विभाग की जमीन पर भी कब्जे पाए गए। इस संबंध में काबीना मंत्री गणेश जोशी ने फोन पर बात करने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने उक्त अतिक्रमण भी हटवाए।

एसडीएम सदर नरेश चंद्र दुर्गापाल ने बताया कि बिना स्वीकृति के किए गए निर्माण का सीमांकन करवाने के बाद अधिकारियों से अतिक्रमण चिहि्नत करवाया गया। उन्होंने कहा कि पक्के अतिक्रमण हटाने में अभी और समय लगेगा।

इस मौके पर सीओ नीरज सेमवाल, एमडीडीए के अधिशासी अभियंता अतुल गुप्ता, नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी, नायब तहसीलदार सदर जसपाल सिंह राणा, नायब तहसीलदार मसूरी भौपाल सिंह चौहान, मसूरी कोतवाल डीएस कोहली, वन विभाग के डिप्टी रेंजर जगजीवन लाल मौजूद रहे।

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