Dehradun: स्वास्थ्य मंत्री रावत की बड़ी घोषणा, पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों को भी मिलेगा पर्वतीय भत्ता

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने जिला चिकित्सालय में पीपीपी मोड पर संचालित कार्डियक यूनिट के उद्घाटन अवसर पर बड़ी घोषणा की। अब प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों को भी मेडिकल कालेजों में तैनात फैकल्टी की ही तरह पर्वतीय भत्ता दिया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 27 Jan 2023 09:25 PM (IST) Updated:Fri, 27 Jan 2023 09:25 PM (IST)
Dehradun: स्वास्थ्य मंत्री रावत की बड़ी घोषणा, पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों को भी मिलेगा पर्वतीय भत्ता
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की डॉक्टरों के लिए बड़ी घोषणा (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, देहरादून: स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में पीपीपी मोड पर संचालित कार्डियक यूनिट (मेडिट्रीना हास्पिटल) के उद्घाटन अवसर पर बड़ी घोषणा की। अब प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों को भी मेडिकल कालेजों में तैनात फैकल्टी की ही तरह पर्वतीय भत्ता दिया जाएगा। बता दें अभी पर्वतीय मेडिकल कालेजों में सेवाएं देने वाली फैकल्टी को 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता मिलता है। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) मेडिकल फैकल्टी के समान भत्ते की मांग कर रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सकों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने के दिए संकेत

वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को देखते हुए इनकी सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि इसे 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाएगा। जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि सेवानिवृत्ति की आयु सीमा ऐच्छिक होगी और इस पर अंतिम निर्णय चिकित्सकों से रायशुमारी के बाद ही लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दून की तर्ज पर जल्द ही हल्द्वानी व श्रीनगर में भी पीपीपी मोड पर कार्डियक यूनिट संचालित करने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए भी जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। वर्ष 2025 तक प्रदेश में चिकित्सकों की संख्या सरप्लस में होगी।

राज्य को 2025 तक ड्रग फ्री स्टेट बनाने का लक्ष्य

उन्होंने बताया कि राज्य को 2025 तक ड्रग फ्री स्टेट बनाने का लक्ष्य है। इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए शिक्षण संस्थानों में एक दिन में 20 लाख छात्र-छात्राएं एकसाथ नशा मुक्ति का संकल्प लेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में अभी तक 27 लाख लोग की आभा आइडी बन चुकी है। राज्य में 1.25 करोड़ लोग की आभा आइडी बनाए जाने का लक्ष्य है। इससे प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य संबंधित रिकार्ड सुरक्षित रहेगा। बताया कि आयुष्मान योजना के तहत अब तक 50 लाख कार्ड बन चुके हैं। 26 लाख आयुष्मान कार्ड और बनाए जाने हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इससे पहले मेडिट्रीना अस्पताल के बोर्ड एडवाइजर सिद्धार्थ ढौंडियाल, अस्पताल प्रमुख दिलीप कुमार व उत्तर भारत के सीईओ प्रवीण तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया। बताया कि उत्तराखंड पांचवा राज्य है जहां पर अस्पताल अपनी सेवाएं दे रहा है।

इस दौरान महापौर सुनील उनियाल गामा, राजपुर रोड विधायक खजान दास, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेशक डा. विनीता शाह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज उप्रेती, जिला चिकित्सालय की सीएमएस डा. शिखा जंगपांगी, मेडिट्रीना हास्पिटल से डा. इरफान याकूब बट, डा. विकास सिंह, जनसंपर्क अधिकारी पंकज शर्मा आदि उपस्थित रहे।

नौ माह में अस्पताल में 11749 मरीज आए

मेडिट्रीना अस्पताल के सीईओ प्रवीण तिवारी ने बताया कि कार्डियक यूनिट की शुरुआत पिछले वर्ष मार्च में शुरू हो गई थी। इन नौ माह में अस्पताल में 11 हजार 749 मरीजों को ओपीडी सेवाएं दी गई है। इसके अलावा 115 जटिल सर्जरी भी की गई है। वहीं 4856 ईसीजी, 3063 इको, 570 टीएमटी, 381 सीएजी व 213 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की जा चुकी है। आरबीएसके के तहत 30 मरीजों की सर्जरी की गई है। गोल्डन कार्ड धारक सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ ही आयुष्मान योजना, ईसीएचएस, सीजीएचएस व ईएसआइ कार्डधारक मरीजों के लिए निश्शुल्क इलाज की सुविधा है।

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