साइबर क्राइम से निपटने के लिए गठित होगी क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट
देहरादून में साइबर क्राइम और अपराध के बदलते ट्रेंड की चुनौतियों से निपटने के लिए जल्द ही क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट का गठन किया जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। साइबर क्राइम और अपराध के बदलते ट्रेंड की चुनौतियों से निपटने के लिए जल्द ही क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट का गठन किया जाएगा। यह यूनिट जिले में होने वाले अपराधों का अध्ययन करने के साथ उन अपराधियों पर शिकंजा कसेगी, जिनसे परंपरागत पुलिसिंग के जरिये पार पाना मुश्किल होने लगा है। एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि यूनिट में तेजतर्रार और तकनीकी रूप से दक्ष पुलिसकर्मियों को जगह दी जाएगी।
एटीएम धोखाधड़ी से लेकर साइबर अपराध के मामलों में आई तेजी से आम नागरिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुरक्षा के तमाम बंदोबस्त के बाद भी अपराध आए दिन नए तरीके अपना कर लोगों को चूना लगा ही दे रहे हैं। इसके साथ लूट, चेन स्नेचिंग समेत अन्य स्ट्रीट क्राइम से निपटने में भी परंपरागत पुलिसिंग के नुस्खे कमजोर पडऩे लगे हैं। एसएसपी ने बताया कि क्राइम इंटलीजेंस यूनिट का काम घटित होने वाले अपराध की मोड्स ऑपरेंडी (अपराध का तरीका) का अध्ययन करेगी।
यह भी देखेगी कि अपराधी ने इस बार कौन सा तरीका अपनाया है, क्या इस तरह का अपराध जिले या राज्य से बाहर कहीं और अंजाम तो नहीं दिया है। यदि ऐसा है तो संबंधित पुलिस से जानकारी साझा कर अपराध नियंत्रण की दिशा में प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाएगी। एसएसपी ने बताया कि यूनिट के स्वरूप पर मंथन चल रहा है। इसमें रखे जाने वाले पुलिस कर्मियों के नामों पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही यूनिट अस्तित्व में आ जाएगी।
थानों को देगी तकनीकी सहायता
सीआइयू का फोकस पूरी तरह तकनीकी आधारित क्राइम पर होगा। वह इस तरह के अपराधों की विवेचना में थाना पुलिस का भी सहयोग करेगी।
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एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि तकनीक आधारित अपराध से निपटने को सीआइयू का गठन किया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि अपराधी वारदात से पहले उसे अंजाम देने को पूरी तैयारी करते हैं, ऐसे में अपराधियों पर शिकंजा कसना आसान नहीं होता। यूनिट अलग तरह के अपराधों पर फोकस करने के साथ अपराधियों पर शिकंजा कसेगी।
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