Uttarakhand Lockdown Update Day 4: अब कोई भी नहीं रहेगा भूखा, डीएम को फूड पैकेट बांटने के आदेश
वरिष्ठ नागरिकों बीमार गर्भवती महिलाओं और रोजमर्रा के कार्यों से जीविकोपार्जन करने वाले लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकार लॉकडाउन के बाद आम आदमी को होने वाली परेशानी दूर करने में जुट गई है। वरिष्ठ नागरिकों, बीमार, गर्भवती महिलाओं और रोजमर्रा के कार्यों से जीविकोपार्जन करने वाले लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। सभी जिलाधिकारियों को 1000 फूड पैकेट यथाशीघ्र तैयार कर जरूरत के मुताबिक बांटने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही दुग्ध उत्पाद, कृषि उत्पादों, पशु आहार, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और सरकारी खाद्यान्न को आवश्यक वस्तुओं में शामिल कर लिया गया है। एडवाइजरी जारी कर इनकी आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जरूरतमंदों को तुरंत फूड पैकेट मिलेंगे। सरकार सभी जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष से पैसा जारी कर चुकी है। अब आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव अमित नेगी ने लॉकडाउन के चलते सभी जरूरतमंद व्यक्तियों को खाद्यान्न पैकेट वितरित करने के आदेश सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं। ऐसे लोगों की सूची तैयार कर उन्हें जल्द से जल्द फूड पैकेट तैयार करने को कहा गया है। इससे वृद्ध और बीमार लोगों के साथ ही लॉकडाउन के चलते दैनिक रोजगार से हाथ धो चुके श्रमिकों और लोगों को खाने की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा।
फूड पैकेट वितरण की दैनिक जानकारी सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र को अनिवार्य रूप से देनी होगी। उन्होंने बताया कि 21 दिनी लॉकडाउन के चलते जरूरत के सभी सामान को आवश्यक वस्तुओं में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि आवश्यक वस्तुओं से संबंधित व्यवसायों और उसमें लगे व्यक्तियों के निर्बाध अंतर्राज्यीय परिवहन के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
सरकार ने आवश्यक वस्तुओं और उनके कारोबारियों को परिवहन और आवागमन को अनुमति दी है। इसके लिए बकायदा एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि कृषि संबंधी उत्पादों में बीज, पौधरोपण संबंधी सामग्री, पेस्टीसाइड, खाद, फंगीसाइड्स को आवश्यक वस्तुओं में शामिल कर उनके परिवहन और रिटेल बिक्री को अनुमति दी जाएगी। इसी तरह पशुपालन, पशु आहार, चारे, फिश सीड जैसे सामान को भी छूट के दायरे में रखा गया है।
लिहाजा इस सामान के साथ ही आटा, चावल मिलों के साथ ही इनमें कार्यरत लोगों को आवाजाही में छूट मिलेगी। पेट्रोलियम पदाथरें और रसोई गैस सिलेंडरों का निरंतर परिवहन जारी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता का सुखद स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने लोगों से आवश्यकता पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर 1070 का उपयोग करने को कहा है।
ऐसे होगा खाद्य सामग्री का पैकेट
आटा-पांच किलो, चावल-तीन किलो, मसूर दाल-एक किलो, रिफाइंड तेल-एक लीटर, नमक-एक पैकेट, चीनी-एक किलो, मिर्च और हल्दी-एक-एक पैकेट। इस पैकेट पर पैकिंग समेत कुल 650 रुपये खर्च होंगे।